BJP सांसद पर मेडिकल कॉलेज हड़पने को लेकर FIR, सांसद बोले- आरोप साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा
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BJP सांसद पर मेडिकल कॉलेज हड़पने को लेकर FIR, सांसद बोले- आरोप साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा

Nishikant Dubey: झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ मेडिकल कॉलेज हड़पने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है.

निशिकांत दुबे(फाइल फोटो)

देवघर: झारखंड के देवघर में धोखाधड़ी के जरिए एक निजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हड़पने के आरोप में गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. गोड्डा सीट से इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे दुबे ने कहा कि अगर आरोप सही साबित हुए तो वह राजनीतिक छोड़ देंगे. शिव दत्त शर्मा नामक व्यक्ति ने देवघर जिले के जसीडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. जिसमें आरोप लगाया गया है कि दुबे और उनकी पत्नी ने बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के माध्यम से उनका अस्पताल हड़प लिया है.

शर्मा ने प्राथमिकी में कहा कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के लिए 93 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, लेकिन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने संस्थान को अनुमोदित नहीं किया. जिसके कारण उनकी ऋण राशि को बैंक ने गैर-निष्पादित आस्ति (एनपीए) घोषित कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि दुबे ने उनसे 20 लाख रुपये लिए थे और उन्हें वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए एक साथी ढूंढने का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय उन्होंने पिछले साल दिसंबर में अस्पताल को नीलामी के लिए रख दिया. जिसमें बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट एकमात्र बोली लगाने वाला था. याचिका में कहा गया है कि बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट दुबे और उनकी पत्नी से जुड़ा है.

परित्रन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निर्माण किया जा चुका है, लेकिन संचालन शुरू नहीं हुआ है. थाना प्रभारी रवि ठाकुर ने कहा, “एक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और एक ट्रस्ट को लेकर गोड्डा के सांसद और उनकी पत्नी समेत सात लोगों के खिलाफ शनिवार को प्राथमिकी दर्ज करायी गई है.” उन्होंने कहा कि आरोपों की सत्यता का पता लगाने के लिए जल्द जांच शुरू की जाएगी. प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया देते हुए दुबे ने ‘एक्स’ पर लिखा, “झारखंड में कांग्रेस-झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार बनने के बाद यह मेरे खिलाफ 44वां मामला है.” उन्होंने लिखा, “अगर झारखंड पुलिस यह (आरोप) साबित कर देती है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. डीआरटी अदालत की नीलामी में यह मेडिकल कॉलेज खरीदा गया था. झारखंड उच्च न्यायालय ने इसे मंजूरी दी थी. मैं इसका ट्रस्टी नहीं हूं। मैं भाजपा का सिपाही हूं.”

इनपुट- भाषा

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