मुजफ्फरपुरः महाराष्ट्र के पुणे और पटना के बाद अब मुजफ्फरपुर जिला में भी हैंड फुट माउथ केस सामने आ गया है. जिसके बाद छोटे बच्चों के अभिवावकों की चिंता बढ़ गई है. अब तक मुजफ्फरपुर में 5 नए केस की पुष्टि हो चुकी है. शहर के निजी डॉक्टर के क्लिनिक में दिखाने आये बच्चों में हैंड फुट माउथ केस की पुष्टि हुई है. ये सभी बच्चे एक ही स्कूल के है. इस तरह का केस मिलने से जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी पीएचसी सीएचसी को ऐसे मामलों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए है.


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एक साथ मिले चार नए केस 
बता दें कि मुजफ्फरपुर शहर में हैंड फुट माउथ का पहला मरीज मिलने के बाद दूसरे दिन एक साथ चार नए केस मिले है. मुजफ्फरपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ के निजी क्लिनिक में एक बच्चे में जांच के दौरान इस बीमारी का पता चला है. बच्चे की उम्र 4 वर्ष है और वह बच्चा शहर के सदर थाना क्षेत्र के मझौलिया का रहने वाला है. जबकि अन्य भी आसपास के एक ही परिवार से जुड़े हुए. 


बीमारी से घबराने की कोई जरूरत नहीं 
हालांकि डॉक्टर के अनुसार इस बीमारी से कोई घबराने जैसी कोई बात नहीं है. यह एक सप्ताह में ठीक हो जाती है. इस बीमारी में सबसे ज्यादा मुंह के अंदर लाल- लाल छाले हो जाते है और यह 5 साल से छोटे उम्र के बच्चों में ज्यादा पाई जाती है. यह एक माइल्ड वायरल डिजीज है. इससे ज्यादा खतरा नहीं होता है. इस मामले में शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ अरुण शाह ने कहा कि यह केस आम तौर पर महाराष्ट्र, दिल्ली और पटना में लगातार मिलते रहे हैं, लेकिन अब यह मुजफ्फरपुर  में भी मिलने लगा है. अब तक इसके पांच केस मिल चुके है. इससे भी कोई खतरा नहीं है, लेकिन यह बीमारी स्प्रेड करती है और दूसरे बच्चे को भी संक्रमित करती है. इससे बचने के लिए एहतियात बरतने की जरूरत है. इस बीमारी को लेकर किसी भी प्रकार से पैनिक होने की जरूरत नहीं है.


एक ही स्कूल के बच्चे हुए संक्रमित 
डॉक्टर डॉ अरुण शाह ने कहा कि ये सभी बच्चे एक ही स्कूल के है और उस स्कूल के संचालक को कहा गया है कि तत्काल उस क्लास को बंद कर उसे सेनेटाइज किया जाए. कुछ समय के लिए क्लास को स्थगित रखें ताकि अन्य बच्चे को सुरक्षित रखा जा सके. वहीं मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ उमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि एक निजी चिकित्सक के यहां पर इस तरह के केस की जानकारी मिली है. जिले के सभी पीएचसी को अलर्ट कर दिया गया है. अगर किसी भी पीएचसी और सीएचसी में ऐसे लक्षण वाले मरीज आते है तो उन्हें शीघ्र सूचना देनी होगी. जांच के बाद ही मामला स्पष्ट हो पाएगा. 


(रिपोर्ट-मणितोष कुमार)


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