Bagha News: सीनियर ताकते रह गए, अस्पताल के उपाधीक्षक बना दिया जूनियर को, अब गरमा गई है राजनीति
Bagha News: यूपी और नेपाल सीमा पर स्थित सदर अस्पताल का दर्ज़ा प्राप्त बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में सीनियर-जूनियर मामले को लेकर जमकर राजनीति की जा रही है. सीनियर डॉक्टर्स अपने जूनियर डॉक्टर के अगुवाई में काम नहीं करना चाहते हैं.
Bagha News: बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में जूनियर डॉक्टर को अस्पताल उपाधीक्षक बनाए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है. अस्पताल में इस मुद्दे को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. एक पक्ष दूसरे पक्ष के खिलाफ शिकायत और टीका-टिप्पणी का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. यहां तक कि सीनियर मोस्ट डॉक्टर्स जूनियर के अंडर में काम नहीं करने और नौकरी छोड़ने तक की बात कह रहे हैं.
यूपी और नेपाल सीमा पर स्थित सदर अस्पताल का दर्ज़ा प्राप्त बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में सीनियर-जूनियर मामले को लेकर जमकर राजनीति की जा रही है. सीनियर डॉक्टर्स अपने जूनियर डॉक्टर के अगुवाई में काम नहीं करना चाहते हैं. लिहाजा अस्पताल राजनीति का अखाड़ा बना गया है. दरअसल, अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. केबीएन सिंह के खिलाफ सीनियर डॉक्टरों ने मोर्चा खोल दिया है और इस मामले में सिविल सर्जन पश्चिम चंपारण समेत स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई गई है कि जूनियर उपाधीक्षक के अंडर में काम करने पर उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंच रहा है.
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अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ. एसके अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान उपाधीक्षक से 26 और 27 वर्ष सीनियर डॉक्टर को वरीयता नहीं दी गई है और विभाग द्वारा जूनियर डॉक्टर को अस्पताल का उपाधीक्षक बना दिया गया है. यह उचित नहीं है. अगर स्वास्थ्य विभाग अपना फैसला नहीं बदलता है तो सीनियर डॉक्टर्स जूनियर उपाधीक्षक के अंडर में सेवा नहीं देंगे. लिहाजा, उन्होंने अपने ट्रांसफर के लिए भी सिविल सर्जन को पत्र लिखा है.
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डॉ. एसपी अग्रवाल का कहना है कि वर्तमान उपाधीक्षक से वे खुद 26 साल सीनियर हैं, जबकि डॉ अशोक कुमार तिवारी 27 साल सीनियर हैं. ऐसी परिस्थिति में डॉ अशोक कुमार तिवारी को अस्पताल उपाधीक्षक बनाना चाहिए ताकि सीनियर के अंडर में सबको सीखने का मौका मिले. बता दें कि इसके पूर्व शिकायतकर्ता डॉ. एसपी अग्रवाल भी अस्पताल उपाधीक्षक के पद पर रह चुके हैं और उनसे पूर्व डॉ अशोक कुमार तिवारी भी इस पद पर लंबे समय तक रहे थे,लेकिन कोरोना काल में इन दोनों को दरकिनार कर नवागत डॉ. केबीएन सिंह को अस्पताल उपाधीक्षक बनाया गया, तब से अस्पताल में सीनियर जूनियर का मामला सिर चढ़कर बोल रहा है.
REPORT- IMRAN AJIJ