बगहाः Bagaha News: बिहार के बगहा के पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत जिला परिषद क्षेत्र संख्या 1 के जिला परिषद सह जीप अध्यक्ष निर्भय कुमार महतो द्वारा करोड़ों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया है. पूर्व जिप सदस्य और शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद केंद्रीय जांच टीम मामले की जांच करने जिला परिषद क्षेत्र संख्या 1 के विभिन्न पंचायतों में पहुंची थी. जिसके बाद इलाके में हड़कंप मचा है.


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दरअसल, जीप क्षेत्र में सरकारी योजनाओं की राशि का गलत उपयोग कर करोड़ों की राशि का बंदरबांट किये जाने का आरोप लगा है. लिहाजा केंद्रीय जांच टीम दो दिनों से बगहा से लेकर बेतिया और नौतन तक विभिन्न पंचायतों में हुईं गड़बड़ी की जांच करने पहुंची है. हालांकि अधिकारी अभी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं तो वहीं जीप अध्यक्ष निर्भय महतो इसे द्वेष और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण जांच की सफाई दे रहे हैं.


बताया जा रहा है कि जांच के लिए पहुंची केंद्रीय टीम दो चरणों में जांच कर रही है. जिसमे प्रथम चरण अंतर्गत जिला परिषद क्षेत्र संख्या 01 बगहा दो प्रखंड के वाल्मीकि नगर के आधा दर्जन पंचायतों के दर्जनों गांवों में कार्य योजनाओं की जांच की गई. बता दें कि दूसरे चरण में बेतिया के नौतन बैरिया समेत कई पंचायतों में जांच की जा रही है. 


पश्चिमी चम्पारण जिला परिषद क्षेत्र संख्या 01 के वर्तमान जीप व जीप अध्यक्ष निर्भय कुमार महतो पर इसी क्षेत्र के पूर्व जिला पार्षद मोतीलाल साहू ने आरोप लगाया है कि एक ही कार्य योजना पर तीन बार सरकारी राशि का उठाव किया गया है. जिसकी जांच केन्द्रीय टीम कर रही है. इस दौरान बुधवार और गुरुवार को जिला परिषद क्षेत्र संख्या 01 के आधा दर्जन पंचायत वाल्मीकि नगर, नौरंगिया, नौरंगिया दरदरी, चंपापुर गनौली, संतपुर सोहरिया,कदमहवा कटहरवा के दर्जनों गांवों में हुए विभिन्न कार्यों की जांच की गई.


टीम ने जांच में कई अनियमितता भी पाई, लेकिन मीडिया को कुछ भी बताने से इंकार कर दिया गया है. इस संबंध मे वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष से बात करने की भी कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब कैमरे के सामने नहीं दिया और जिला से बाहर होने का हवाला दिया.


वहीं शिकायतकर्ता मोतीलाल साह ने बताया कि उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के कई विभागों में अनियमितता संबंधित शिकायत की थी. जब वे इस मुद्दे को लेकर पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से संपर्क किया तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच के लिए लिखा. लिहाजा सांसद के प्रयास से चार सदस्यीय केंद्रीय टीम का गठन किया गया और टीम ने विभिन्न योजनाओं की जांच किया. 


शिकायतकर्ता का आरोप है कि जांच टीम में शामिल जिला प्रशासन के अधिकारियों और आरोपी जिला परिषद अध्यक्ष के सहयोगियों ने केंद्रीय जांच टीम को एक दो मूल जांच स्थल को छोड़कर अन्य शिकायत किए गए योजनाओं से संबंधित जांच स्थल का निरीक्षण नहीं करवाया. दूसरे विभिन्न योजनाओं की जांच करते रहे. विभागीय जेई की भी भूमिका संदिग्ध है. हालांकि अब देखने की बात होगी कि केंद्रीय जांच टीम सरकार व विभाग को क्या रिपोर्ट सौंपती है. 
इनपुट- इमरान अजीज, बगहा 


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