मसान नदी के बढ़ते जलस्तर से फ्लड फाइटिंग निर्माण कार्य हुआ ध्वस्त, ग्रामीणों में दहशत का माहौल
मसान नदी में जलस्तर बढ़ने से लोगों में दहशत का माहौल है. जब से नदी का पानी बढ़ना शुरू हुआ है वैसे ही लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई है. लोगों ने जिला प्रशासन व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को समस्या के समाधान के लिए मसान नदी के बाढ़ व कटाव से बचाव की मांग किया है.
बगहा : नेपाल के तराई क्षेत्र में हो रही वर्षा के कारण मसान नदी में अचानक जलस्तर बढ़ जाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. वही गांव को बाढ़ से बचाने के लिए सरकारी स्तर पर कराये गए फ्लड़ फाईटिंग निर्माण कार्य को मसान नदी ने एक बार फिर से ध्वस्त कर दिया है. जिससे अब मसान नदी के किनारे बसे दर्जनों गांवों पर बाढ़ और कटाव का खतरा मंडराने लगा है. यहीं वजह है कि गांव के लोग डरे सहमे हुए हैं.
कई जगह से ध्वस्त हुआ बांध
बता दें कि मसान नदी बाढ़ बचाव संघर्ष समिति के अध्यक्ष खलिक कुरैशी, शफीकुर्रहमान, नसीम अख्तर , नौशाद अख्तर उर्फ नन्हे खां के साथ दिनदयाल राव समेत दर्जनों लोगों ने मसान नदी से होने वाले कटाव और बाढ़ से बचाने के लिए विभाग द्वारा तीन ठीकेदारों के माध्यम से फ्लड फाइटिंग का निर्माण कराया गया था, लेकिन अचानक मसान नदी के जलस्तर में वृद्धि हो जाने से करीब तीन सौ मीटर लम्बा, बांस की पायलिंग व किये गए बोरा पीचिंग कार्य कई जगहों पर ध्वस्त हो गया है. जिसके कारण एक बार फिर मसान नदी में पानी का बहाव काफी तेज हो गया है. जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए मसान नदी के कहर से बचाने के लिए पुनः बांध मरम्मती कार्य कराने की मांग किया है.
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
मसान नदी में जलस्तर बढ़ने से लोगों में दहशत का माहौल है. जब से नदी का पानी बढ़ना शुरू हुआ है वैसे ही लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई है. लोगों ने जिला प्रशासन व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को समस्या के समाधान के लिए मसान नदी के बाढ़ व कटाव से बचाव की मांग किया है, लेकिन अधिकारी है आने वाली समस्या के समाधान के लिए कोई पुख्ता इंतजाम करने को तैयार नहीं है. बता दें कि इलाके में हो रही वर्षा और नेपाल के तराई क्षेत्र में भी भारी बारिश के कारण पहाड़ी नदियों में एकाएक उफान आया है लिहाजा बाढ़ और कटाव जैसे हालात उत्पन्न होने को लेकर रामनगर व बगहा 1 इन दोनों प्रखण्ड क्षेत्रों के दर्ज़नभर पंचायतों के लोग डरे सहमे हुए हैं.