बेतिया: ग्रामीणों ने भ्रष्ट अधिकारियों को दिखाया आईना, श्रमदान कर किया नालों की सफाई
Bettiah News: लोग सरकारी राशी सरकार के खजाने में वापस भेजने की मांग कर रहे हैं ताकि सफाई का पैसा जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के पॉकेट में ना चला जाए.
Bettiah: बेतिया में सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि लोग अब सरकारी राशी से विकास करने के बजाए खुद से ही श्रमदान और आपसी सहयोग से अपने क्षेत्र का विकास करने लगे हैं.
आलम यह है कि खुद से नाली साफ करने के बाद अब लोग सरकारी राशी सरकार के खजाने में वापस भेजने की मांग कर रहे हैं ताकि वह पैसा जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के पॉकेट में ना चला जाए.
इसकी एक बानगी पश्चिम चंपारण जिला स्थित योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र में देखने को मिला है. जहां लोगों ने पहले तो पदाधिकारीयों की उदासीनता और सरकारी पैसे के बंदरबांट की आशंका पर चंदा से ही गांव के नालों और पईन की सफाई कर दी.
अब लोग नालों की सफाई के लिए आया सरकारी पैसा वापस करने की मांग कर रहें ताकि सरकारी राशी का बंदबांट ना हो सके.ताजा मामला योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के बासोपट्टी और मच्छरगांवा पंचायत का है, जहां वर्षों से नाला व पईन की सफाई का काम नहीं हो रहा था और इसके लिए ग्रामीण लंबे समय से प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबुर थे.
ये भी पढ़ें- मांझी-तेजप्रताप की मुलाकात पर सियासत, शिवानंद बोले-लालू को गरियाने वाले नहीं समझ पाएंगे रहस्य
हालांकि, जबतक प्रखंड प्रशासन द्वारा राशि आवंटित की जाती तबतक ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर खुद ही श्रमदान से कार्य पुरा कर लिया. लेकिन ग्रामीणों को शक है कि श्रमदान व चंदे से कराए गए कार्य के नाम पर मुखिया और पंचायत सचिव पैसा उठा कर उसका बंदरबांट कर लेंगे.
लिहाजा अब ग्रामीण सरकार के पैसे को वापस सरकार के पास भेजने की गुहार पदाधिकारीयों से लगा रहे हैं. वहीं मनरेगा पीओ की मनमानी से नाराज होकर ग्रामीण आर्थिक सहयोग व श्रमदान कर रहें हैं.
आरोप है कि सरकारी राशि का एक भी रूपया खर्च नहीं किया गया है और अगर योजना का पैसा वापस नहीं किया गया तो ग्रामीण रोजगार सेवक समेत कार्यक्रम पदाधिकारी के खिलाफ सड़क पर उतर कर आन्दोलन करेंगे.
बहरहाल ग्रामीणों की इस अनोखी पहल ने सरकारी योजनाओ में व्याप्त भ्रष्टाचार व मनमानी पर रोक लगाने का नायाब तरीका ढ़ुंढ़ लिया है और उन लोगों को रास्ता दिखाने का काम किया है जो सरकारी योजनाओ में चल रहे भ्रष्टाचार से प्रभावित हैं.
एक तरफ ग्रामीणों के इस पहल की जहां सराहना हो रही है तो वहीं सरकारी सिस्टम पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. यही वजह है कि परेशान होकर ग्रामीणों ने भ्रष्ट सिस्टम पर जोरदार प्रहार कर सिस्टम को आइना दिखाया है.
(इनपुट- इमरान)