बगहा : बगहा में स्वास्थ्य कर्मियों ने स्मार्टफोन से डिजिटल उपस्थिति दर्ज करने के आदेश का विरोध करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. इस हड़ताल में NHM के साथ-साथ तमाम स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हैं. हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं. बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है और शहरी पीएचसी के सामने प्रदर्शन किया है. सीएचओ दिनेश कुमार, मनीष कुमार, प्रमोद कुमार, गौरी शंकर योगी, विजेंद्र सिंह, कुलदीप कुमार, अविनाश कुमार, अंकित कुमार और उर्मी शर्मा समेत अन्य अधिकारी और NHM कर्मियों का कहना है कि एंड्रॉइड मोबाइल से डिजिटल उपस्थिति दर्ज करने में भेदभाव हो रहा है. इसके अलावा वे अपनी दस सूत्री मांगों को लेकर भी हड़ताल पर हैं.


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जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं तब तक वे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करेंगे. उनकी मुख्य मांगों में सरकारी अस्पताल में तैनात CHO और NHM कर्मियों को नियमित करने की मांग शामिल है. प्रदर्शनकारी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर दिनेश कुमार का कहना है कि सरकार के आदेश में भेदभाव है और यह स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता, तब तक वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.


साथ ही इस हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है और सरकारी अस्पतालों की सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो गई हैं. हड़ताल पर गए स्वास्थ्य कर्मियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे. स्वास्थ्य कर्मियों की मांगें स्पष्ट हैं और वे अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सरकार को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और जल्द से जल्द कोई समाधान निकालना चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य हो सकें और मरीजों को कोई कठिनाई न हो. इस प्रकार, बगहा में स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया है और सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की उम्मीद की जा रही है.
इनपुट- इमरान अजीजी


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