मुजफ्फरपुर: Muzaffarpur news In hindi: मुजफ्फरपुर के जिस एरिया में घुंघरुओं की झंकार और तबला की थाप गूंजती थी, वहीं अब लड़कियां मुख्यधारा से जुड़ रही है. यहां रेड लाइट एरिया पुलिस के रेड के बाद लड़कियां भागा करती थी,लेकीन अब पुलिस संरक्षण में पुलिस थाना कैंपस बैठ कर सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण लेकर रोजगार से जुड़ रही है. इस काम को अंजाम दे रही रेड लाइट एरिया कि सेक्स वर्कर की बेटी नसीमा और इस में सहयोग मुजफ्फरपुर पुलिस कर रही है.


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खास बात है कि स्वयं शहर के सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने इसको लेकर पहल किया थी और उन्होंने लड़कियों के लिए सिलाई मशीन भी दी थी.आज करीब 24 लड़कियों से ऊपर यहां सिलाई कर रोजगार अर्जित कर कमाई कर रही है और अब तो यहां के व्यवसाई भी इन्हे अपना ऑडर दे रहे हैं. जब कभी यहां की लड़कियां बाजार जाती थी तो अपना पता नहीं बताती थी,लेकीन अब खुल कर अपना नाम भी बताती है. अब पता भी कन्हौली के चतरभुज स्थान का बताती है.


इसी समाज से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता नसीमा खातून बताती है कि एक समय था जब इस इलाके के लोग अपनी आवासीय पहचान तक छुपा लेते थे.पुलिस के गाड़ी की सायरन की आवाज सुनकर लोग घरों के गेट और खिड़कियां तक बंद कर लेते थे. लेकिन अब इसी रेड लाइट इलाके की महिलाएं अपनी अलग पहचान बना रही है. इसमें स्थानीय पुलिस का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है और महिलाएं एकजुट होकर पुलिस नाके में गारमेंट्स बनाने का काम कर रही हैं और अपनी पहचान बदलने के साथ परिवार का भविष्य भी बना रही हैं. अब यहां की महिलाएं और लड़कियां बैग, ब्लाउज, पेटीकोट के साथ-साथ अन्य कई रेडिमेड गारमेंट प्रोडक्ट बना रही हैं.


नसीमा कहती हैं कि मुजफ्फरपुर पुलिस, खासतौर से सिटी एसपी अवधेश दीक्षित की मदद से इन सभी को कन्हौली स्थित पुलिस नाका में जगह दी है. उन्होंने कुछ सिलाई मशीन भी दी है. इससे महिलाओं का काम बहुत आसान हो गया. इस कारण से महिलाओं के द्वारा तैयार किए जाने वाले रेडिमेड गारमेंट्स का बिजनेस आगे बढ़ रहा है. 


स्थानीय पुलिस की लगातार पहल के बाद महिलाएं भी सजग होकर अब बदलाव ला रही हैं. उन्होंने बताया कि शुरूआत में महिलाओं की संख्या कम थी.लेकिन अब अन्य महिलाएं भी हमसे जुड़ रही हैं. 


(इनपुट मणितोष कुमार)