अन्नदाताओं के मेहनत की कमाई को लूट रहा करप्ट सिस्टम, जानें कितने का हुआ घोटाला
मोतिहारी में इनदिनों अन्नदाता बेबस है. बेबस अन्नदाता के पॉकेट पर सिस्टम ने जो डाका डाल रखा है. अन्नदाता इनदिनों कड़ाके के ठंड में खुले आसमान के नीचे आधी रात से महज एक बोरा यूरिया खाद के लिए सड़क पर इफको दुकान के बाहर बैठे रहते है.
मोतिहारी: मोतिहारी में यूरिया खाद के लिए किसानों के बीच हाहाकार मचा हुआ है. किसान रात भर दुकान के बाहर सो रहे है, ताकि सुबह में दुकान खुलने पर पहले उन्हें खाद मिल सके. यहां लाइसेंसधारी खुदरा विक्रेता खुलेआम 600 और 700 रुपये में यूरिया खाद बेच रहे हैं. अगर कोई अधिकारी दुकान पर जांच करने पहुंच रहा है तो दुकानदार उनकी पिटाई भी कर दे रहे हैं. बता दें कि यूरिया खाद को लेकर कालाबाजारी के खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक करप्ट सिस्टम में करोड़ों रुपये का घोटाला हो चुका है.
किसानों की पॉकेट पर करप्ट सिस्टम का डाका
मोतिहारी में इनदिनों अन्नदाता बेबस है. बेबस अन्नदाता के पॉकेट पर सिस्टम ने जो डाका डाल रखा है. अन्नदाता इनदिनों कड़ाके के ठंड में खुले आसमान के नीचे आधी रात से महज एक बोरा यूरिया खाद के लिए सड़क पर इफको दुकान के बाहर बैठे रहते है. क्योकि इफको ही एक जगह है जहां एमआरपी पर यूरिया खाद बिक रहा है, लेकिन यहां आवंटन ही ना मात्र का होता है. लिहाजा अन्नदाता खुदरा लाईसेंस धारी दुकानदारों तक पहुंचने को मजबूर हो जाते है. लाइसेंस धारी दुकानदारों द्वारा खुलेआम 600 और 700 रुपये में एक बोरा यूरिया खाद बेचा जा रहा है.
साढ़े पांच सौ रुपये में खरीदा जा रहा यूरिया
बता दें कि खाद दुकानदार की जुबानी की कैसे उन्हें भी 266 रुपये एमआरपी वाले यूरिया खाद को थोक विक्रेता के यहां से साढ़े पांच सौ में खरीदना पर रहा है. थोक विक्रेता का ना तो लाइसेंस रद्द हुआ है और ना ही उनपर कोई कारवाई हुई है. जिला में इस रवि के सीजन में अबतक 24 हजार मीट्रिक टन यानी कि 5,33,333 बैग यूरिया आया है. अगर यूरिया के कालाबाजारियों का औसत दाम 600 रुपये मान लिया जाए, तो किसानों के पॉकेट से 17,81,33,333 रुपये कालाबाजारी के पॉकेट में चला गया है. यानी कि अन्नदाताओं के मेहनत के कमाई का सत्रह करोड़, इक्यासी लाख, तैतीस हजार तीन सौ तैतीस रुपया सिर्फ एक सीजन में करप्ट सिस्टम ने लूट लिया है. बंजरिया में जब उर्वरक निरीक्षक जांच करने दीपक खाद बीज भंडार पर पहुंचे थे तब संचालक ने खाद निरीक्षक की पिटाई शुरू कर दीया और कहा कि जब आपके जिला कृषि कार्यालय में पच्चास हजार रुपया पहुंचाते हैं, तो फिर आप हमारे दुकान पर जांच करने कैसे पहुंच गए है .
उर्वरक निरीक्षक ने कहा कि अभी रवि मौसम में यूरिया खाद की किसानों को सख्त दरकार है. लिहाजा वह इफको बाजार में इस कड़ाके के ठंड में खुले आसमान के नीचे रात से ही इस इंतजार में बैठे रह रहे हैं कि कब इफको दुकान खुले और उन्हें एक यूरिया खाद मिले क्योंकि इफको ही एक दुकान बचा है. जहां पर तय कीमत पर यूरिया खाद मिल रहा है. बाकी सभी जगह पर तो कामो बेश 600-700 में यूरिया खाद मिल रहा है.
डीएम ने टीम गठन कर कार्रवाई के दिए निर्देश
किसानों के दर्द और पीड़ा से जिला के डीएम को रूबरू करवाया तो जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने गंभीरता दिखाते हुए प्रखंड स्तर पर जांच टीम का गठन कर दिया है. जिसमें सीओ ,बीपीआरओ और थानाध्यक्ष शामिल होंगे और साथ ही अनुमंडल स्तर पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि जिस भी किसान को दिक्कत है उनकी सुनवाई कर उन्हें रिपोर्ट करें ताकि समुचित कार्रवाई कर खाद की कालाबाजारी पर नकेल कसी जा सके.
इनपुट- पंकज कुमार