मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर के रहने वाले कनिष्क नारायण ने सिविल सर्विस की नौकरी छोड़ कर चुनावी मैदान में उतर कर वेल्स यूके से लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज कर पहले बिहारी सांसद बन गए हैं. 33 वर्षीय कनिष्क सिविल सर्विस की नौकरी से चुनाव की घोषणा के बाद इस्तीफा देकर मैदान में उतरे और जीत के बाद पहले बिहारी सांसद बन गए है. शनिवार को कनिष्क के सांसद बनने की सूचना मिलने पर शहर के दामुचक स्थित कनिष्क घर में जश्न शुरू हो गया है. मूल रूप से वैशाली जिला के गोरौल स्थित सौंधो के रहने वाले स्व. कृष्ण कुमार और वीणा देवी बहुत साल पहले मुजफ्फरपुर के दामुचक में बस गए थे.


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स्व. कृष्ण कुमार मुजफ्फरपुर डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के चेयरमैन और एसकेजे लॉ कॉलेज के फाउंडर थे. उनके तीन बेटों में सबसे छोटे संतोष कुमार के पुत्र कनिष्क नारायण यूके में रह कर सिविल सर्विस की नौकरी करते थे और नौकरी छोड़ कर चुनाव लड़े और सांसद चुने गए हैं. कनिष्क का जन्म मुजफ्फरपुर में ही हुआ और वह प्रभात तारा स्कूल से पहली से तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई करने के बाद कनिष्क के पिता संतोष कुमार और मां चेतना सिन्हा एसकेजे लॉ कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर दिल्ली चले गए. इसलिए कनिष्क की आगे की पढ़ाई दिल्ली के एपीजे स्कूल से ही हुई. कनिष्क जब 12 साल के थे,तब वे माता-पिता के साथ ब्रिटेन चले गए.


कनिष्क के चाचा एसकेजे लॉ कॉलेज के निदेशक जयंत कुमार ने बताया कि उनके भतीजे ने मुजफ्फरपुर सहित पूरे देश का गौरव बढ़ाया है. कनिष्क के पिता उनके छोटे भाई हैं. उन्होंने बताया कि ब्रिटेन उनका थर्ड होम है.कनिष्क के पिता संतोष कुमार और माता चेतना सिन्हा कार्डिफ वेल्स में सॉलिसिटर हैं. कनिष्क ने ब्रिटेन में रहने वाले एशियाई मूल के अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि छात्रवृत्ति के साथ इटेन ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड अमेरिका से उच्च शिक्षा प्राप्त की है. उन्होंने लोक सेवक के रूप में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन के साथ पर्यावरण विभाग में काम किया. उसके बाद वे लिजट्स के अधीन भी कार्य कर चुके हैं. कनिष्क की जीत की खबर से मुजफ्फरपुर में रह रहे परिजनों को काफी खुशी है.


इनपुट - मणितोष कुमार


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