मोतिहारीः जुलाई का महीना हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोगों के लिए बेहद पावन और पवित्रता का महीना है. इन दिनों दोनों समुदाय के लोगों में उल्लास का माहौल बना हुआ है. वहीं बिहार के मोतिहारी के एक ऑटो चालक की चार बेटियां हिंदुओं के सुरीले गीतों से आपका मन मोह लेंगी. 


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शायद बहुत सारे हिन्दूओं को अपने धर्म के श्लोक, गीत, भजन की जानकारी नहीं होगी, लेकिन मोतिहारी के रक्सौल प्रखण्ड के तुमड़िया टोला के ऑटो ड्राइवर हाजी हुसैन की चार बेटियां शिव तांडव, हनुमान चालीसा, शिव भजन एवं हिन्दू धर्म के अन्य श्लोक, गीत ऐसे गाती है मानो इनके कंठ में स्वयं माँ सरस्वती विराजमान हो. 


शाहिस्ता परवीन, शाहिदा खातून सहित चारों बहनें जब भजन करती हैं तो सामने वाला व्यक्ति मंत्रमुग्ध हो जाता है. सबसे बड़ी बहन शाहिस्ता प्रवीण दिव्यांग है. उसने ही अपने स्कूल SAV से गीत गाना शुरू किया. इसके बाद में पड़ोसी भजन गायक अमलदेव प्रसाद दास के साथ भजन, शिव चर्चा करने लगी. गरीबी और तंगी में गुजर बसर करने वाले परिवार की चारों बहनों की सुरीली आवाज को अब पहचान मिलने लगी है. जब लोग धर्म के नाम पर एक दूसरे की जान लेने पर आमादा हो जाते है. ऐसे में मोतिहारी की ये चार मुस्लिम बहनें हिन्दू और मुस्लिम दोनों के लिए एक नाजिर बनकर उभरी है कि आप दूसरे धर्मों के कैसे सम्मान कर सकते है.


एक कमरे के घर में चार बहनें और माता-पिता रहते है. इसी कमरे में खाना बनाने से लेकर सोने और रहने का कार्य करती हैं. शाइस्ता के पिता हाजी हुसैन ऑटो ड्राइवर हैं. उनका कहना है कि गीत संगीत का कोई धर्म नहीं होता है, सबके भगवान एक है. मेरी बेटियां जो करना चाहे हम उनका पूरा सपोर्ट करते है. सरस्वती माता की कृपा हैं कि मेरी बेटी हिन्दू धर्म के गीत, श्लोक और भजन गाती है.


आज के जमाने में बहुत सारे हिंदुओं को अपने धर्म के गीत, भजन और श्लोक याद नहीं है. वहीं मुस्लिम परिवार की चार बेटियां द्वारा हिन्दू धर्म के गाने, श्लोक और भजन समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए बड़ी मिशाल है.
इनपुट- पंकज कुमार


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