मोतिहारी: खाद की कालाबाजारी से किसान परेशान, DM ने दिया कार्रवाई का निर्देश
Bihar News: बिहार में एक तरफ बाढ़ (Flood In Bihar) का कहर टूटा है, तो दूसरी तरफ खाद की कालाबाजारी (Fertilizer Black Marketing) ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है.
Motihari: बिहार सरकार किसानों को हर संभव मदद देने की बात करती है, लेकिन इन दिनों यहां के किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. एक तरफ बाढ़ (Flood In Bihar) का कहर टूटा है, तो दूसरी तरफ खाद की कालाबाजारी (Fertilizer Black Marketing) ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है.
दरअसल, जिले में खुलेआम खाद की ब्लैक मार्केटिंग हो रही है और किसान बेबस होकर ये सब सहने के लिए तैयार हैं. इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है.
'उर्वरक दुकानदारों की दबंगई'
दरअसल, खरीफ के मौसम में जून से अगस्त तीन महीने में मोतिहारी में 28 हजार 101 मीट्रिक टन यूरिया खाद पहुंचा, लेकिन किसानों को प्रति बैग यूरिया 266 की जगह 350 रुपये में खरीदना पर रह है. इसका अर्थ है कि प्रति बैग में 84 रूपये का अवैध मुनाफा. इतना ही नहीं इस कालाबाजारी का खेल तब हो रहा है जब प्रत्येक उर्वरक दुकानों पर कृषि विभाग ने एक-एक सरकारी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर रखी है.
'दुकानदार की दबंगई यहीं खत्म नहीं होती'
उर्वरक दुकानों के दुकानदार की दबंगई यहीं खत्म नहीं होती है. ये उन किसानों को ही खाद देते है जो अधिक रेट पर खरीद कर लोगों के पूछने पर 266 रुपये खरीद की बात बताने के लिए अपनी सहमती दुकानदार को देते है. गौरतलब है कि खरीफ के मौसम में मोतीहारी में पांचवी बार बाढ़ ने दस्तक देकर यहां के किसानों की कमर पहले ही तोड़ दिया हैं. उर्वरक की कालाबाजारी से परेशान किसान अब खेती छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.
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'जांच के बाद होगी कार्रवाई'
जिले में हो रही इस खाद की कालाबाजारी की भनक जिलाधिकारी को ही नहीं है, जब टीम ने इस पूरे मामले की जानकारी जिले के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक को दी तो अब DM ने कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है, लेकिन इन तीन महीने से जो खेल खेला जा रहा है उसका क्या होगा. क्या अवैध उगाही के पैसे वसूले जाएंगे? क्या सिस्टम में जो लोग शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. ऐसे कई सवाल है जो सिर्फ सवाल बनकर ही रह जाएंगे.
(इनपुट- पंकज)
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