मुजफ्फरपुर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना का मुजफ्फरपुर जिले में बुरा हाल है. मुजफ्फरपुर जिले के ज्यादातर पंचायतों में नल जल योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है और आज भी चापाकल से आयरन वाला पानी पीने को मजबूर हैं. जिले के ज्यादातर पंचायत में जो नल जल योजना लगाई गई है उसमें पूरी तरह लाखों रुपए का घोटाला हुआ है. मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के रामपुर कृष्णा पंचायत में जब जी बिहार झारखंड की टीम ने नल जल योजना का रियलिटी चेक किया तो नल जल का हाल बुरा नजर पड़ी.


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सबसे बड़ी बात है कि जो पाइप लाइन बिछाई गई है वह जमीन के अंदर से नहीं ज्यादातर जगहों पर ऊपर से पाइप लाइन दी गई है जो जगह-जगह टूट गया है,तो दूसरे और नल तो लगाए गए हैं लेकिन जिस नल को पीतल का नल लगाना था वहां पर प्लास्टिक का नल लगाया गया. वह भी धूप और पानी के कारण टूट गया है. नल की ऊंचाई जमीन से दो से ढाई फीट होना चाहिए था,लेकिन उस पाइप की ऊंचाई तो ठीक किया गया है,लेकिन जो ढलाई होनी चाहिए थी वह भी ढलाई ढंग से नहीं की गई जो जगह-जगह उखड़ कर गिर गया है.


पंचायत के लोगों ने खुलकर कहा कि हम लोगों के यहां नल जल तो लगाया गया सिर्फ ट्रायल के समय पानी आया और उसके बाद फिर कभी पानी नहीं आया. उसके बाद सारे नल जहां-सिखर गए हैं और पाइप भी टूट गया है. लोगों की शिकायत है कि जहां पर टंकी बैठाया गया है वो जगह उनके गांव से 3 किलोमीटर दूर है. अब यह बात सोचने वाली है कि जिस टंकी से पानी देना है वह 3 किलोमीटर दूर है तो पानी उस गांव तक कैसे पहुंचेगा. पानी टंकी का रखरखाव कर रहे केयरटेकर लखींद्र दास दास ने कहा कि उन्हें जो आदेश है उसका हम लोग पालन कर रहे हैं और इसी टंकी से दो बार को पानी दे रहे हैं तो पानी दो वार्डों में इतना दूरी तक कैसे पहुंच पाएगा. जबकि टंकी के पास लगे बोर्ड पर स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है कि इस टंकी से वार्ड 14 को ही पानी जाना है जबकि इससे 13 और 14 वार्ड को पानी का सप्लाई किया जा रहा है.


इनपुट - मणितोष कुमार


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