पंकज त्रिपाठी अपने गांव को याद करके हुए इमोशनल, बोले- बिहार के छोटे से गांव...
पंकज त्रिपाठी का जन्म बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव में हुआ था. पंकज त्रिपाठी को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था और इसी शौक के चलते वह गांव में होने वाले नाटकों में काम करने लगे.
पटना: जाने-माने अभिनेता पंकज त्रिपाठी को कहानी सुनाना बहुत पसंद है और वह फिल्मों के निर्देशन में भी अब अपना हाथ आजमाना चाहते हैं.
पंकज ने कहा, 'मैं अभिनय की दुनिया में इसलिए आया हूं क्योंकि मुझे यह पसंद है. मैं बिहार के एक छोटे से गांव से आता हूं, कहानियां सुनकर बड़ा हुआ हूं. अब मुझे कहानियां सुनाने का भी शौक हो गया है.' तो, अभिनय के अलावा, मैं एक फिल्म निर्देशित करना चाहता हूं. एक निर्माता भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन यह निर्देशक है जिसके पास कहानी की दृष्टि होती है'.
बचपन से ही एक्टिंग का शौक
बता दें कि, पंकज त्रिपाठी का जन्म बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव में हुआ था. पंकज त्रिपाठी को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था और इसी शौक के चलते वह गांव में होने वाले नाटकों में काम करने लगे. इस दौरान उन्होंने कई बार महिलाओं के किरदार भी निभाए. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनका रुझान थिएटर की तरफ हुआ. जिसके बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग की पढ़ाई की.
2004 में मुंबई गए
एनएसडी से पढ़ाई करने के बाद पंकज त्रिपाठी ने साल 2004 में अपने किस्मत आजमाने के लिए मुंबई का रुख किया. जहां से उनके संघर्ष का दौर शुरू हुआ. शुरुआत में पंकज त्रिपाठी ने कई छोटे-छोटे रोल किए लेकिन उन्हें पहली बार पहचान मिली गैंग्स ऑफ वासेपुर से, जहां सुल्तान कुरैशी के किरदार को खूब सराहा गया.
पंकज त्रिपाठी की आने वाली फिल्में
वर्क फ्रंट की बात करें तो अभिनेता को आखिरी बार फिल्म 'शेरदिल: द पीलीभीत सागा' में देखा गया था. वह अब 'फुकरे 3' और 'ओएमजी 2' में जल्द ही नजर आएंगे.
(आईएएनएस)