Muzaffarpur News: आपने इस युग में देखते सुनते होंगे कि लोगों में भगवान (Ramcharitmanas) के प्रति आस्था और विश्वास कम हो रहा है, लेकिन मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में एक ऐसे राम भक्त (Ram bhakt Anand Mohan Sinha) हैं. जो राम भक्ति में अपने जीवन को ही राम (Ram) के नाम कर दिया है. जिन्होंने अपने हाथों से कई बार रामचरितमानस (Ramcharitmanas) लिख दिया है. 


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प्रण लिया कि अब वो रामचरितमानस (Ramcharitmanas) लिखेंगे


मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के जोगनी जागा के रहने वाले आनंद मोहन सिन्हा (Ram bhakt Anand Mohan Sinha) की परदादी ने अपने हाथों से रामायण (Ramcharitmanas) लिखा करती थी, जो नष्ट हो गया, जिसको देख आनंद मोहन सिन्हा (Ram bhakt Anand Mohan Sinha) को दुख हुआ, जिसके बाद उन्होंने प्रण लिया कि अब वो रामचरितमानस (Ramcharitmanas) लिखेंगे. 


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आनंद मोहन सिन्हा (Ram bhakt Anand Mohan Sinha) ने अबतक लिख दिया हैं 11 रामचरितमानस (Ramcharitmanas)
 
साल 2006 में पहली बार रामचरितमानस (Ramcharitmanas) लिखने की शुरुआत करने वाले आनंद मोहन सिन्हा (Ram bhakt Anand Mohan Sinha) ने अबतक 11 रामचरितमानस (Ramcharitmanas) लिख दिया हैं. अब वह 12वां संस्करण (Ramcharitmanas) भी लिख लिया हैं. आनंद मोहन सिन्हा (Ram bhakt Anand Mohan Sinha) बताते है कि वो सिंचाई विभाग में नौकरी करते थे, उस वक्त भी वो रोजाना विधि विधान से रामचरितमानस (Ramcharitmanas) लिखते थे, अब भी वो (Ram bhakt Anand Mohan Sinha) सुबह शाम करीब 4 घंटा रामचरितमानस (Ramcharitmanas) लिखते हैं और जब तक उनकी लेखनी साथ देगी वो (Ram bhakt Anand Mohan Sinha) लिखते (Ramcharitmanas) रहेंगे.


रिपोर्ट: मणितोष कुमार