बगहा: Valmiki Tiger Reserve: बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से वन्य जीवों व उनके बहुमूल्य अंगों की तस्करी को रोकने के उद्देश्य से वाइल्ड लाइफ व वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में वन सभागार वाल्मीकि नगर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें एसएसबी समेत वनकर्मी व सभी थानों के थानाध्यक्ष शामिल हुए. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर चर्चा की गई.


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वन विभाग ने दिया प्रशिक्षण


दरअसल इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वन एवं पर्यावरण विभाग के सभागार में एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में एसएसबी जवानों, पुलिसकर्मियों और वन कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य वन्य जीव व उनके कीमती अंगों की तस्करी पर रोक लगाना है. इस मामले में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के फील्ड ऑफिसर पावेल घोष ने बताया की वाल्मीकी टाइगर रिजर्व के डिवीजन दो अंतर्गत पड़ने वाले थाना के पुलिस कर्मियों समेत एसएसबी जवानों और वनकर्मियों को एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया.


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जानवरों की तस्करी पर लगेगी रोक


इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्हें वन्य जीवों की ऑनलाइन तस्करी समेत जंगली जीवों के बहुमूल्य अंगों की तस्करी को रोकने के लिए जानकारियां दी गई. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के फील्ड ऑफिसर ने बताया कि प्रशिक्षण में तकरीबन 60 लोग मौजूद रहे. जिसमें सभी वन परिक्षेत्र के रेंजर शामिल रहे. साथ ही डीएफओ नीरज नारायण और एसएसबी कमांडेंट अश्विनी कुमार और वाल्मीकी टाइगर रिजर्व के प्रोजेक्ट मैनेजर अनिल कुमार नायक भी उपस्थित रहे. वाल्मीकी टाइगर रिजर्व के रजनीश कुमार ने सभी को प्रशिक्षित दिया और जंगली जीव जंतुओं के संरक्षण को लेकर टिप्स बताए गए. बता दें कि वन विभाग व वाइल्ड लाइफ की ओर से विगत दिनों यहां वन्य जीवों के शिकार व मरने की घटनाओं को लेकर उनके संरक्षण के दिशा में यह क़दम उठाया गया है ताक़ि हमारे दुर्लभ प्रजाति के धरोहरों की सुरक्षा व्यवस्था में मदद मिल सके.


इनपुट- इमरान अजीज