सीवान : सीवान के चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में सोमवार को मुजफ्फरपुर के विशेष कोर्ट में CBI के एडिशनल एसपी सुनील सिंह रावत की गवाही दर्ज हुई. बता दें कि सीवान के घटना में एडिशनल एसपी सुनील सिंह रावत बतौर क्राइम ब्रांच में DSP थे और उन्होंने जांच के दौरान घटना के आरोपित मो लड्डन मियां से नार्को टेस्ट ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफी जांच कराने की सहमति मांगी थी, लेकिन लड्डन मियां ने इसपर सहमति नहीं दी थी.


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कोर्ट में गवाही के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने भी एडिशनल एसपी से पूछताछ की है और जिरह के दौरान सीबीआई के एडिशनल एसपी ने बचाव पक्ष के वकील के सवालों का सहजता से जवाब दिया. राजदेव रंजन हत्याकांड में लगातार सीबीआई की ओर से गवाह पेश किए जा रहे हैं और अभियोजन साक्ष्य के बिंदू पर सुनवाई हो रही है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने बताया है कि इस मामले में 99 गवाहो में से अब तक 69 गवाहों को सीबीआई न्यायालय में पेश कर चुकी है, हालांकि इसमें कई गवाह पक्षद्रोही भी साबित किए जा चुके हैं. मामले में कोर्ट ने सीबीआई की जांच पर कई सवाल उठाये है.


बता दें कि 13 मई 2016 को सीवान स्टेशन रोड में बाइक सवार अपराधियों ने पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या कर दी थी और उनकी पत्नी आशा देवी ने हत्या की FIR को सीवान के नगर थाने में दर्ज कराई थी. पुलिस की प्रारंभिक जांच के बाद मामले की जांच CBI ने की थी. इसमें पूर्व सिवान सांसद मो. शहाबुद्दीन की भी संलिप्तता सामने आई थी और सीबीआई ने पूर्व सांसद के खिलाफ भी चार्जशीट दायर की थी. जिसमें मो. शहाबुद्दीन की मौत हो चुकी है. मामले में लड्डुन मिया सहित अन्य आरोपितों पर न्यायालय में अभी ट्रायल चल रहा है.


इनपुट- मणितोष कुमार


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