बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के प्रो वीसी ने किया बीबीएन कॉलेज बगहा का औचक निरीक्षण, दिए कई दिशा निर्देश
Bihar News: प्रोफेसर उप कुलपति से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराना चाहते थे लेकिन महाविद्यालय के प्रिंसिपल प्रो. सुबोध कुमार ने उप कुलपति से प्रोफेसरों को नहीं मिलने दिया.
बगहा : नेपाल और यूपी सीमा पर स्थित बगहा के बाबा भूतनाथ कॉलेज में बीआरए बिहार विश्व विद्यालय के प्रो VC ने औचक निरीक्षण किया. इस दौरान कुलपति एक शिक्षक के रूप में नजर आए और क्लासरूम में जाकर बच्चों को पठन पाठन समेत कई नसीहतें दी. हालांकि महविद्यालय के कुछ शिक्षकों ने इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर किया है कि उपकुलपति निरीक्षण और जांच के लिए आए थे और सिर्फ प्रिंसिपल और सेक्रेटरी से मिलकर चले गए, उनकी समस्याओं से रूबरू होना मुनासिब तक नहीं समझा.
दरअसल बगहा में चार डिग्री कॉलेज हैं जिनमें मंगलपुर औसानी में स्थित बाबा भूतनाथ महाविद्यालय का उपकुलपति प्रो. रविंद्र कुमार ने आज निरीक्षण किया और कॉलेज प्रबंधन को कई दिशा निर्देश दिए. इस दौरान वे क्लासरूम में जाकर छात्र छात्राओं से रूबरू हुए और उच्च शिक्षा ग्रहण कर बेहतर भविष्य बनाने की नसीहत दी. वहीं दूसरी तरफ कॉलेज के दर्जनों प्रोफेसर उप कुलपति से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराना चाहते थे लेकिन महाविद्यालय के प्रिंसिपल प्रो. सुबोध कुमार ने उप कुलपति से प्रोफेसरों को नहीं मिलने दिया. जिससे कॉलेज कर्मी अक्रोशित हो गए. प्रोफेसरों का आरोप है कि उन्हें लंबे समय से वेतन नहीं दिया जाता है. जबकि कॉलेज की सालाना आमदनी तकरीबन 4 करोड़ रुपए से ज्यादा है और इस आमदनी में से 70 फीसदी शिक्षकों के वेतन मद में देना है और 30 फीसदी राशि महाविद्यालय के विकास पर खर्च करनी है.
इसको लेकर प्रोफेसरों ने पटखौली थाना में 570/19 केस नंबर दर्ज करते हुए कॉलेज के शिक्षकों के वेतन मद की राशि हड़पने और वित्तीय अनियमितता का मुकदमा दायर किया हुआ है. कुछ शिक्षकों द्वारा दर्ज कराए गए मामले पर उच्च न्यायालय पटना में भी सुनवाई हो रही है. शिक्षकों का आरोप है की उन्हें वेतन की बजाय सिर्फ अनुदान दिया जाता है और अनुदान की राशि में से भी महाविद्यालय प्रबंधन 20 से 25 प्रतिशत राशि काट लेता है. इधर प्रो वीसी प्रो. डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने आज बाबा भूतनाथ महाविद्यालय का निरीक्षण किया ताकि शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता बनी रहे. इसके लिए उन्होंने कॉलेज के प्रिंसिपल और सचिव को दिशा निर्देश दिए हैं और छात्र छात्राओं की उपस्थिति 75 फीसदी कराने की आनिवार्यता पर बल दिया है. कॉलेज में हो रही राजनीति के बाबत उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान को राजनीति का अखाड़ा न बनाते हुए सिर्फ बेहतर शिक्षा व्यवस्था पर बल दिया जाना चाहिए.
इनपुट- इमरान अजीजी