बगहाः आदिवासी समाज में द्रोपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने को लेकर काफी उत्साहित है.आदिवासी बहुल इलाकों में ग्रामीण रंग गुलाल लगाकर व एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाईयां दे रहे हैं.आदिवासी समाज के लोग इस जीत को त्योहार की तरह सेलिब्रेट कर रहे हैं. समुदाय के लोग सुबह से ही अपने पारम्परिक लोक नृत्य झमटा व झूमर गाकर जश्न मना रहे हैं. इनका कहना है कि आगामी विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को एक आदिवासी महिला के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने की खुशी में मनाया जाएगा. इसके लिए आदिवासी समाज पूरी तैयारियों में जुट गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खुशी में सराबोर हुए आदिवासी गांव
देश में पहली बार एक आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने पर जिला के आदिवासियों में जश्न का माहौल है.आदिवासी ग्रामीण द्रोपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुने जाने की खुशी में सराबोर होकर एक दूसरे का मुंह मीठा करा रहे हैं और आपस में गुलाल लगाकर अपनी खुशियां साझा कर रहे हैं.


केंद्र सरकार का आदिवासी समाज ने किया धन्यवाद
बता दें कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के सीमाई क्षेत्रों में इंडो नेपाल सीमा पर बसे लाखों आदिवासी द्रोपदी मुर्मू के सर्वोच्च पद पर आसीन होने की खुशी में पारम्परिक लोकनृत्य व लोकगीत झूमर व झमटा नृत्य करते हुए केंद्र सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं. इन आदिवासी बहुल गांवों में आज बिल्कुल त्योहार जैसा नजारा है.


द्रोपदी मुर्मू की जीत पर समर्पित रहेगा विश्व आदिवासी दिवस
बिहार आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र उरांव का कहना है कि पहली मर्तबा आदिवासी समाज के किसी व्यक्ति खासकर एक महिला को राष्ट्रपति बनाया जाना अपने आप मे गौरव की बात है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी बीजेपी के पदाधिकारी गण एवं अन्य सहयोगी पार्टियों के जनप्रतिनिधि जिन्होंने अपना बहुमूल्य वोट कास्ट किया उन सबको आदिवासी समाज के तरफ से धन्यवाद प्रकट किया जा रहा है. सुरेंद्र उरांव ने बताया कि आगामी 9 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व आदिवासी दिवस आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की जीत के लिए समर्पित रहेगा. इस उपलक्ष्य में बड़ा आयोजन भी होगा और आदिवासी समाज के लोग जश्न मनाएंगे.


ये भी पढ़िए- आतंकियों के पास मिले संदेश से हुआ चौंकानेवाला खुलासा, पीएम मोदी को हाईजैक करने की थी योजना