पटना: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में इंसेफेलाइटिस वायरस की वजह से बच्चों की मौत की बढ़ती संख्या पर सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक नोटिस जारी किया है. एनएचआरसी ने पिछले कुछ दिनों में मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से बच्चों की मौत की बढ़ती संख्या वाली मीडिया रपटों पर स्वत: संज्ञान लिया है.


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मानवधिकार आयोग ने कहा कि सोमवार को बिहार में एईएस से मरने वाले बच्चों की संख्या बताया जा रहा है कि बढ़कर 100 हो गई है. ऐसी भी रपटें हैं कि मुजफ्फरपुर को छोड़कर राज्य के कुछ अन्य जिले भी इससे प्रभावित हुए हैं.


 



अयोग ने इस बाबत विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने इसके साथ ही जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस/ एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एनपीपीसीजेए) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के कार्यान्वयन की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है. 


आयोग ने जानना चाहा है कि अस्पताल में भर्ती बच्चों को किस प्रकार की इलाज मुहैया कराई जा रही है और पीड़ित परिवार को राज्य द्वारा किस प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई गई है.


आयोग ने इस बाबत चार हफ्तों में जवाब मांगा है. आयोग ने देखा कि सरकारी एजेंसियों द्वार कथित रूप से अपनाए गए उपाय के बावजूद, इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत दिखाती है कि टीकाकरण और जागरूकता कार्यक्रमों में संभावित खामियां रह गई हैं.


मीडिया रपटों के अनुसार, मुजफ्फरपुर में सरकारी श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) में 76 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस वर्ष अबतक केजरीवाल मातृसदन में भी 17 मौतें हो चुकी है. रपटों के मुताबिक, दोनों अस्पतालों में मौजूदा समय में 115 रोगियों का इलाज चल रहा है.


रपटें यह भी कहती हैं कि राज्य स्वास्थ्य मंत्री ने बड़ी संख्या में डॉक्टरों और पारामेडिकल कर्मचारियों को पटना से मुजफ्फरपुर भेजा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को एसकेएमसीएच का दौरा भी किया था.