Patna: सूबे में 'सात निश्चय पार्ट-टू' लागू होने के साथ सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवा के तहत दिल में छेद के रोग से ग्रस्त बच्चों का इलाज शुरू हो गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के 21 बच्चों को इलाज के लिए गुजरात से अहमदाबाद भेजा गया है. हवाई जहाज से बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को अहमदाबाद भेजा गया है. इलाज पर होनेवाला पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो बसों सवार बच्चों और उनके परिजनों को इलाज के लिए रवाना किया. इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मौजूद रहे.


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सीएम संवाद में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि थे. बसों को हरी झंडी दिखाने से पहले मुख्यमंत्री ने बसों में जाकर बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सरकार की ओर से किए गए इंतजामों को देखा. मुख्यमंत्री ने कहा कि 'हम बाल हृदय योजना शुरू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को बधाई देता हूं. पिछले साल चुनाव के दौरान इस पर बात हुई थी. सरकार गठन के बाद कैबिनेट से इसको मंजूरी दी गयी और अब बच्चों को इलाज के लिए भेजा जा रहा है.'


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मुख्यमंत्री ने कहा कि 'ऐसे बच्चों की जांच की व्यवस्था इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (Indira Gandhi Heart Disease Institute) और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में की गयी है, जिन बच्चों को इलाज के लिए अहमदाबाद भेजा जा रहा है. उनकी यहां कई स्तर पर जांच हुई है. इसके बाद फैसला लिया गया. अहमदाबाद में प्रशांति फाउंडेशन की ओर से इनका मुफ्त में इलाज किया जाएगा. फाउंडेशन के साथ हमारी सरकार ने एग्रीमेंट किया है. देश के अन्य राज्यों की ओर से एग्रीमेंट करके फाउंडेशन की ओर से इलाज कराया जाता रहा है.'


मुख्यमंत्री ने कहा कि 'सरकार अपनी ओर से हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था करेगी. अहमदाबाद में बच्चों का मुफ्त में इलाज होगा, लेकिन उनके और अभिभावकों के आने-जाने की व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से की जा रही है. इलाज के लिए गए बच्चे ठीक होकर लौटेंगे, तो स्वास्थ्य मंत्री समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बच्चों को मीडिया के सामने लाएंगे और आप लोग बच्चों से बात कर सकेंगे. उनका अनुभव जान सकेंगे. बिहार में अहमदाबाद की तरह दिल में छेद के रोगी बच्चों के इलाज की व्यवस्था कर रही है.'


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वहीं, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि 'अभी 21 बच्चों को इलाज के लिए भेजा गया है, लेकिन इस साल में एक हजार बच्चों के इलाज की योजना है. सरकार सबको अतिरिक्त और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.' उन्होंने कहा कि 'हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करना चाहते हैं, जिनकी पहल पर योजना पर काम शुरू हो सका.'


स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि 'कल से सात निश्चय पार्ट-टू लागू हुआ है और एक दिन बाद ही बच्चों को इलाज के लिए भेजा जा रहा है. पिछले साल नवंबर में सरकार बनने के बाद कैबिनेट ने बाल हृदय योजना को मंजूरी दी थी. तीन माह के अंदर हम 21 बच्चों को इलाज के लिए भेज रहे हैं.'