पटना: पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को निधन हो गया. वो 88 साल के थे. फर्नांडिस अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित थे और हाल में उन्हें स्वाइन फ्लू हो गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व रक्षा मंत्री समाजवादी और मजदूर नेता जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.


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जॉर्ज फर्नांडिस के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भावुक हो गए और रो पड़े. उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में सीखने का अवसर मिला और आज जो कुछ भी लोगों की सेवा करने की कोशिश करते हैं. इसमें उनका मार्गदर्शन हम सब लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यूं तो हर किसी का जाना निश्चित है और उनका स्वास्थ्य जिस तरह से था एक तरह से उनके लिए मुक्ति है. अब हम लोगों का यही संकल्प है कि उनका मार्गदर्शन और जो लड़ाई उन्होंने हक के लिए लड़ी वो हम कभी नहीं भूलेंगे.



मुख्यमंत्री ने जॉर्ज फर्नांडिस के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा कि उन्होंने अपना अभिभावक खो दिया. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी जॉर्ज फर्नांडिस के निधर पर शोक प्रकट किया . उन्होंने आज के अपने सारे कार्यक्रम स्थगित कर दिए. 


केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की. उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस का संघर्षशील व्यक्तित्व देश के नौजवानों के लिए हमेशा प्ररेणास्त्रोत रहेगा. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने भी जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर शोक संवेदना जाहिर करते हुए कहा कि जार्ज फर्नांडिस का जाना देश के लिए अपुरर्णीय क्षति है. 


कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जार्ज फर्नांडिस का निधन देश की बड़ी क्षति, जार्ज हमेशा कांग्रेस के खिलाफ रहे लेकिन देश के लिए उनका योगदान भूलाया नहीं जा सकता. आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट की.


जॉर्ज फर्नांडिस प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में रक्षा मंत्री रहे. वे 1998 से 2004 तक की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन वाली सरकार में रक्षा मंत्री रहे. 1977 में आपातकाल हटा दिए जाने के बाद फर्नांडिस ने मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता और उन्हें केन्द्र में उद्योग मंत्री बनाया गया. 


केंद्रीय मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने निवेश के उल्लंघन के कारण, अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों आईबीएम और कोका-कोला को देश छोड़ने का आदेश दिया. वे 1989 से 1990 तक रेल मंत्री के रूप में रहे. अटल बिहार बाजपेयी की वाली एनडीए सरकार के दौरान पोखरण परमाणु परीक्षण और करगिल युद्ध हुआ तब वो रक्षा मंत्री थे.