पटना : बिहार विधानमंडल के मानूसन सत्र के पांचवें दिन गुरुवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भले ही कार्यवाही में भाग लेने के लिए सदन पहुंचे, लेकिन अब उनके विरोधियों के अलावा सहयोगी दल भी इस्तीफा मांगने लगे हैं. आरजेडी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने इशारों ही इशारों में तेजस्वी से राहुल गांधी की तर्ज पर इस्तीफे की मांग कर डाली. कांग्रेस के सचेतक राजेश कुमार ने कहा कि राहुल गांधी की तरह गठबंधन के अन्य लोगों को भी पद का मोह त्यागकर फैसला लेना चाहिए. उनका इशारा आरजेडी के तेजस्वी यादव की तरफ था. 


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इधर, बिहार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आरजेडी न केवल कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है, बल्कि आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव कांग्रेस के राहुल गांधी को अपना आदर्श भी मानते हैं. राहुल गांधी ने चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं, तेजस्वी को भी लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. 


इससे पहले लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने भी तेजस्वी को इस्तीफा देने की सलाह दी थी. 


इधर, आरजेडी के नेता तेजस्वी के बचाव में उतर आए हैं. आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा, "अगर हमारे नेता तेजस्वी यादव ने इस्तीफा दिया, तो हम सभी विधायक इस्तीफा दे देंगे." 


बीजेपी के नेता संजय मयूख ने भी कांग्रेस द्वारा तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगे जाने को सही बताते हुए कहा, "तेजस्वी यादव को भी इस्तीफा दे देना चाहिए. लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेवारी लेते हुए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए."


उधर, बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को बिहार की जनता ने नकारते हुए कंठीमाला पकड़ा दी है. वह अपनी संपत्ति बचाने की चिंता करें, राजनीति उनके वश का रोग नहीं है.