सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी जेल से रिहा नहीं होंगे अब्बास अंसारी, जानें पूरी डिटेल
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सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी जेल से रिहा नहीं होंगे अब्बास अंसारी, जानें पूरी डिटेल

Abbas Ansari Bail: पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पिछले साल ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया था. इसके साथ ही ईडी ने अब्बास अंसारी पर गंभीर इल्जाम भी लगाए थे.

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी जेल से रिहा नहीं होंगे अब्बास अंसारी, जानें पूरी डिटेल

Abbas Ansari Bail: पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज यानी 18 अक्टूबर को उन्हें जमानत दे दी है. ईडी ने अब्बास अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. जिसके बाद अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

इससे पहले जस्टिस एमएम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 9 मई के आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने आदेश दिया कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तों पर जमानत पर रिहा किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ऐसी शर्तें लगाएगा, जिससे आरोपी गवाहों को प्रभावित न कर सके या सबूतों से छेड़छाड़ न कर सके. इससे पहले अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में एक नोटिस जारी कर ईडी को उत्तर प्रदेश के मऊ से मौजूदा विधायक अंसारी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा था.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 9 मई के अपने आदेश में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन निचली अदालत को निर्देश दिया था कि वह जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने कहा कि यह न्यायालय इस स्तर पर पीएमएलए की धारा 45 के संदर्भ में प्रथम दृष्टया यह संतुष्टि प्राप्त करने में असमर्थ है कि आवेदक दोषी नहीं है या वह जमानत पर कोई अपराध नहीं कर सकता है.

ईडी ने लगाए थे गंभीर इल्जाम
कोर्ट ने अंसारी के खिलाफ मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्रस्तुत धन के लेन-देन का भी संज्ञान लिया. इसने कहा कि धन के लेन-देन का पता अंसारी को दो फर्मों - मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन और मेसर्स आगाज से धन के लेन-देन से जोड़ता है. ईडी ने आरोप लगाया है कि इन फर्मों का इस्तेमाल अंसारी ने धन शोधन के लिए किया था. ईडी ने तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की, जो कि संबंधित अपराधों से संबंधित हैं. पहले आपराधिक मामले में, यह आरोप लगाया गया था कि एक निर्माण कंपनी के भागीदारों ने रिकॉर्ड में हेराफेरी करके सार्वजनिक संपत्ति पर अतिक्रमण किया था.

अभी नहीं होगी रिहाई
दूसरी एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि मुख्तार अंसारी ने विधायक निधि से स्कूल बनवाने के लिए पैसे लिए थे, जबकि कोई स्कूल नहीं बना और जमीन का इस्तेमाल कृषि कार्यों के लिए किया जा रहा है. तीसरी एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि अंसारी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सरकारी जमीन हड़प ली और अवैध मकान बनवा लिया. अब्बास अंसारी की रिहाई गैरकानूनी जेल यात्रा और गैंगस्टर एक्ट मामलों में जमानत मांगने वाली उनकी अलग-अलग याचिकाओं के नतीजे पर निर्भर करेगी, जिन पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच के समक्ष सुनवाई होनी है.

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