पाकुड़: झारखंड के 81 विधानसभा सीटों में से एक पाकुड़ की पहचान यहां मिलने वाले काले पत्थर के लिए होती है. अनारक्षित पाकुड़ विधानसभा सीट पर हमेशा से अल्पसंख्यक वोटर्स का वर्चस्व है. ऐसे में यहां के लिए कहा जाता है जिस दल ने अल्पसंख्यक को अपने पाले में ले लिया उसकी जीत तय मानी जाती है. झारखंड अलग होने के बाद आज भी यह क्षेत्र विकास की दौड़ में काफी पीछे है. वहीं पश्चिम बंगास की सीमा से सटे होने के कारण यहां बांग्लादेशी घुसपैठ भी इस बार चुनावी मुद्दा है. पाकुड़ विधानसभा सीट को इंडिया गठबंधन के मुख्य घटक दल कांग्रेस का परंपरागत माना जाता है. इस सीट पर दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदना होने वाला है. इस सीट पर भी मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच माना जा रहा है.


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पाकुड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के जेल में जाने के बाद इंडिया गठबंधन की तरफ से कांग्रेस ने उनकी पत्नी निशात आलम को चुनावी मैदान में हैं. वहीं एनडीए की ओर से आजसू ने अजहर इस्लाम को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है. ऐसे में इश सीट पर त्रिकोणिय मुकाबला भी माना जा रहा है.


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वर्ष 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो कांग्रेस के दिग्गज नेता आलमगीर आलम को यहां से जीत मिली थी. उन्हें तब  129218 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी प्रत्याशी वेणी प्रसाद गुप्ता को 63110 वोट मिले थे. वहीं  2014 में हुए विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो कांग्रेस के उम्मीदवार आलमगीर आलम को ही जीत मिली थी. तब उन्हें 83338 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी अकील अख्तर को 65272 वोट मिले थे.


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