Patna: रहन-सहन और नगर निगमों की परफॉर्मेंस के मामले में राजधानी पटना ने बेहतर प्रदर्शन किया है. केन्द्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Union Ministry of Housing and Urban Affairs) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, पटना ने रहन-सहन के मामले में अपना प्रदर्शन सुधारा है वहीं 10 लाख से अधिक आबादी वाले नगर निकायों में भी राजधानी का प्रदर्शन बेहतर हुआ है.


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ये आंकड़ें केन्द्रीय आवास और शहरी मामले के मंत्री हरदीप पुरी ने जारी किए. दरअसल, रहन सहन वाले शहरों यानि ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (Ease of Living Index) को ईओएलआई कहा जाता है जबकि नगर निकाय वाले शहरों को जिस कैटेगरी में रखा जाता है उसे म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स (MPI) कहा जाता है. रहन-सहन का पैमाना हो या फिर नगर निकायों का मामला, इन दोनों के आंकड़ें साल 2020 के हैं और मंत्रालय ने इसके लिए कुछ मापदंड भी तय किए थे.


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111 शहरों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया था, दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में बैंगलुरू ने पूरे भारत में पहला स्थान हासिल किया. बैंगलुरू के बाद पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई, सूरत, नबी मुंबई, कोयंबटूर, बड़ौदा जैसे शहरों ने टॉप 10 शहरों में अपनी जगह बनाई. वहीं, बात करें वैसे शहर या निकाय जिनकी आबादी 10 लाख से कम थी, इसमें एनएमडीसी NMDC पहले स्थान पर जगह बनाने में कामयाब रहा. 


म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स (Municipal Performance Index) में पटना को 49.25 अंक मिले और उसे पूरे देश में 16वां स्थान हासिल हुआ जबकि पहले स्थान पर इंदौर रहा, जिसे 66.08 अंक हासिल हुए. ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में पटना को पूरे भारत में 33वां स्थान हासिल हुआ और उसे 53.26 अंक मिला, यानि कहा जाए कि पूरे देश में पटना उन शहरों में पहुंच गया है जहां जीवन जीने की बेहतर संभावना है और यहां एक व्यक्ति को रहने के लिए सभी साधन मौजूद हैं. यानि ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में पटना देश के दूसरे शहरों यानि आगरा, मेरठ, नासिक, फरीदाबाद जैसे शहरों से कहीं आगे हैं.


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इसी तरह म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स में पटना देश के दूसरे बड़े और नामी शहरों यानि हैदराबाद, चेन्नई, जयपुर, चंडीगढ़ जैसे शहरों से भी आगे है. आवास और शहरी मंत्रालय ने भारत के लोगों से फीड बैक भी मांगे थे और 30 लाख 2 हजार लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था.