पटनाः पटना हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ी राहत देते हुए उनके विरुद्ध बाढ़ की निचली अदालत द्वारा लिए गए संज्ञान को रद्द कर दिया. जस्टिस ए अमानुल्लाह की एकल पीठ ने नीतीश कुमार की याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया. 28 साल पुराने पंडारक हत्या मामले में अब उन पर कोई मामला नहीं चलेगा. 


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16 नवंबर,1991को सीताराम सिंह की हत्या हुई थी, जिसमें इन्हें अन्य लोगों अलावे आरोपी बनाया गया था. पटना हाईकोर्ट के इस फैसले पर अब सियासी बयानबाजी शुरु हो गई है. हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत सत्ताधारी दल और विपक्षी जरुर कर रहे है. लेकिन पटना हाईकार्ट के फैसले को उच्चत्तम न्यायालय का रास्ता भी बता रहे है.


पटना हाई कोर्ट के फैसले को राजद अंतिम फैसला नहीं मान रहा है.राजद नेता भाई बीरेन्द्र ने कहा है कि केशकर्ता यदि हाईकोर्ट का फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाते है तो न्याय का रास्ता खुलेगा. उन्होने कहा है कि जिस तरीके से निचली आदालत में सीएम नीतीश कुमार को दोषी माना था उसके हिसाब से हाई कोर्ट के फैसले की चुनौती सुप्रीम कोर्ट में दी जा सकती है. लेकिन देखना होगा की केसकर्ता कहा तक जा सकते है. 


भाई बीरेन्द्र ने कहा है कि कोर्ट के फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन जनता सबकुछ जातनी है. जनता का फैसला ही असली फैसला होता है. जनता सीएम नीतीश कुमार को उनकी औकात लोकसभा चुनाव में दिखा देंगी.



वहीं, जदयू ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को स्वागत करते हुए कहा है कि सीएम नीतीश कुमार को बेबजह बदनाम किया जा रहा था. आज दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है. जदयू नेता अरविन्द निषाद ने कहा है कि जिस तरीके आज के दिन में किसी भी लोगो को फसाया जाता है. उसे देखते हुए कोर्ट के फैसला काफी संतोषजनक है. 


अरविन्द निषाद ने बताया कि सीएम नीतीश कुमार विकास के लिए जाने जाते है. वे हमेशा तरक्की की बात करते है. वहीं, एनडीए के सहयोगी पार्टी भाजपा ने भी पटना हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जाहीर की है. भाजपा प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा कि पटना हाईकोर्ट के फैसले से एनडीए खुश है.