एनएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में पकड़ाए 11 फर्जी नर्स और स्टाफ, लिखवाया माफीनामा
जब इस बात को गम्भीरता से लिया तो शुक्रवार को मौके पर 6 नर्स और 5 पैरा मेडिकल का छात्र को मरीज का इलाज करते पकड़े गये. फर्जी तरीके से नर्स पकड़ाते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया. वहीं पकड़े गये नर्स और पैरा मेडिकल ने किसी प्रकार का कोई प्रमाण नही दिखाया
नालंदाः राजधानी का सबसे बड़ा दूसरा अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फर्जी तरीके से मरीजों को ईलाज करते कई नर्स एवम पारा मेडिकल के छात्र पकड़े गये.फर्जी नर्स पकड़ाने की खबर आग की तरह फैल गई,नर्स क्वाटर में अफरा-तफरी मच गई. वहीं सुरक्षा अधिकारी रिटायर्ड कैप्टन नरेंद्र कुमार ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा सूचना मिली थी कि फर्जी तरीके से कुछ नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ अस्पताल में मरीजों के साथ गलत तरीके से इलाज कर रहे हैं.
शुक्रवार को सामने आई लापरवाही
जब इस बात को गम्भीरता से लिया तो मौके पर 6 नर्स और 5 पैरा मेडिकल का छात्र मरीज का इलाज करते पकड़े गये. फर्जी तरीके से नर्स पकड़ाते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया. वहीं पकड़े गये नर्स और पैरा मेडिकल ने किसी प्रकार का कोई प्रमाण नही दिखाया और ना ही संतोषजनक जबाब दिया. कैप्टन नरेंद्र कुमार ने बताया कि अस्पताल में पहली गलती को मांफ कर उन लोगों से माफीनामा लेकर बॉण्ड पर छोड़ा गया है. पुनः पकड़े जाने पर उनपर कानूनी कार्रवाई होगी.
अवैध तरीके से ले रहे थे ट्रेनिंग
मिली जानकारी के अनुसार, पूछताछ और जांच के दौरान आरोपियों ने कोई भी पहचान पत्र और अस्पताल में प्रवेश का अधिकृत प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया. बाद में अस्पताल अधीक्षक के मौखिक आदेश पर अस्पताल में तैनात सुरक्षा अधिकारी कैप्टन नरेंद्र कुमार द्वारा अस्पताल परिसर स्थित पुलिस पोस्ट में इन सभी से व्यक्तिगत माफीनामा लिखवा कर इन्हें बांड पर छोड़ दिया गया. बताया जाता है कि विभिन्न प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज और पारा मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं अवैध तरीके से अस्पताल में आकर ट्रेनिंग ले रहे थे.
माफीनामा लिखवाकर छोड़ा
मौके से पकड़े गए फर्जी नर्स और पारा मेडिकल छात्रों ने बताया कि एनएमसीएच के ही नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के कहने पर वे लोग फर्जी तरीके से ट्रेनिंग ले रहे थे. मौके पर मौजूद एनएमसीएच के सुरक्षा अधिकारी कैप्टन नरेंद्र कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बॉन्ड पेपर पर माफीनामा लिखवा कर नर्सिंग छात्राओं और पारा मेडिकल छात्रों को छोड़े जाने की बात कही है.