पटनाः Ahoi Ashtmi 2022 Puja: सोमवार को कार्तिक मास की अष्टमी तिथि है. इस दिन महिलाएं अपनी संतानों की सुरक्षा के लिए अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं. महिलाएं अहोई अष्टमी पर अहोई माता की पूजा करने से पहले पूरे दिन का निर्जला उपवास रखती हैं. इस दिन उपवास करने से संतान और परिवार के सुखी जीवन की कामना की जाती है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन पर पार्वती माता के स्वरूप का पूजन करने के साथ-साथ गणेश जी की भी पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है.


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तारों को देखकर पूरा होता है व्रत
ऐसा माना जाता है कि इस दिन अहोई अष्टमी की पूजा करने से माता पार्वती अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं. अहोई अष्टमी के दिन व्रत करने वाली महिलाएं तारों को देखकर ही व्रत पूरा करती हैं. निसंतान महिलाएं भी संतान प्राप्ति की कामना के लिए पूरी निष्ठा और श्रद्धा से यह पूजा करती हैं ताकि अहोई माता से उन्हें संतान का आशीर्वाद मिल सके. अहोई अष्टमी का व्रत बहुत विधि-विधान वाला है. ऐसे में इस व्रत में कई सारी सामग्रियां भी लगती हैं. अहोई अष्टमी में क्या-क्या है जरूरी देख लीजिए लिस्ट.


ये सामग्री हैं जरूरी
अहोई अष्टमी व्रत के दौरान महिलाओं के पास माता के लिए रोली, चूड़ियां, काजल, लाल वस्त्र, सिंदूर, बिंदी, माता की तस्वीर, कागज पर बनी हुई फोटो को अपने पास जरूर रखें. इससे अलग महिलाओं के पास जल भरा हुआ कलश, कई तरह के फल-फूल, कलावा, कच्चे चावल, मिठाई, गाय का दूध, मिट्टी का दीपक, गाय का घी, सिंघाड़ा, करवा होना जरूरी है. इसके अलावा अहोई व्रत कथा की किताब का होना भी जरूरी है. इससे अलग महिलाओं को अपने हाथों से कुछ चीजें बनानी चाहिए.


इन वस्तुओं को आज ही खरीद लें
सबसे पहले आपको अहोई माता की तस्वीर या कागज पर बनी हुई फोटो को खरीदना होगा. फिर आपको पूजा के लिए स्याहू माला, माता के लिए रोली, चूड़ियां, काजल, लाल वस्त्र, बिंदी, सिंदूर यह सभी श्रृंगार का सामान खरीदना होगा. इसके साथ-साथ आपको अहोई अष्टमी व्रत कथा की किताब, करवा, पानी भरने के लिए कलश, कई प्रकार के फल, कलावा, कच्चे चावल, मिठाई, गाय का दूध, मिट्टी का दीपक, सिंघाड़ा भी खरीदना चाहिए.


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