पटना: Amarnath Yatra 2023 Date: हिंदू धर्म के पवित्र व प्रमुख तीर्थस्थलों में एक अमरनाथ धाम भारत के जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के उत्तर-पूर्व में 135 किलोमीटर दूर समुद्रतल से 13,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. हर साल यहां भगवान भोलेनाथ के भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. अमरनाथ धाम को कुछ लोग स्वर्ग प्राप्ति का मार्ग कहते हैं तो वहीं कुछ लोग मोक्ष प्राप्ति का स्थान भी स्थान कहते है. लेकिन अमरनाथ गुफा तक पहुंचना आसान नहीं होता. अमरनाथ पहुंचने के बाद भी पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए भक्तो को बहुत लंबी यात्रा और चढ़ाई करनी होती है.


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इस साल अमरनाथ यात्रा की शुरूआत 1 जुलाई 2023 से शुरू हो रही है जो 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगी. बता दें कि अमरनाथ यात्रा पहले केवल 15 दिनों के लिए होती थी. लेकिन 2004 में यात्रा की अवधि बढ़ाकर दो महीने तक कर दिया गया.  सरकार इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए शेड्यूल पहले ही जारी कर दिया है. 17 अप्रैल 2023 से ही यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की शुरूआत हो चुकी है. बाबा के भक्त ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.


अमरनाथ यात्रा का इतिहास (Amarnath Yatra History)


अमरनाथ यात्रा के इतिहास की अगर बात करें तो महर्षि भृगु ने सबसे पहले पवित्र अमरनाथ गुफा का दर्शन किया था. कहा जाता है कि एक बार कश्मीर घाटी जब पानी में डूब गई थी, तो महर्षि कश्यप ने नदियों और नालों के जरीए वहां के पानी को बाहर निकाला. ऋषि भृगु तब हिमालय की यात्रा पर उसी रास्ते से आए थे. अपनी तपस्या के लिए एकांतवास की खोज के दौरान उन्होंने बाबा अमरनाथ की गुफा का दर्शन किया. इसके बाद से ही हर साल सावन महीने नमें अमरनाथ पवित्र गुफा के दर्शन करने की शुरुआत हुई.


महत्व (Amarnath Yatra Importance)


प्राचीन काल में अमरनाथ गुफा को 'अमरेश्वर' कहा जाता था. यहां बर्फ से शिवलिंग बनने के चलते इसे 'बाबा बर्फानी' भी कहा जाता है. अमरनाथ गुफा में स्थित माता पार्वती का शक्तिपीठ माता के 51 शक्तिपीठों में से एक है. कहा जाता है कि यहां माता पार्वती का कंठ गिरा था. जो भी भक्त पवित्र मन और पूरी श्रद्धा से अमरनाथ गुफा में बने बर्फ के शिवलिंग (बाबा बर्फानी) का दर्शन करता है वो मोक्ष को प्राप्त करती है.


अमरनाथ गुफा का रहस्य (Amarnath Cave Mystery)


गर्मी के मौसम को छोड़कर अमरनाथ गुफा अधिकांश समय बर्फ से ढकी रहती है. अमरनाथ गुफा का रहस्य यह है कि, यहां भगवान शंकर का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है. यानी यहां शिवलिंग का निर्माण स्वयं होता है. गुफा की छत से बर्फ की पानी की बूंदें टपकती है, जिससे बर्फ के शिवलिंग का निर्माण होता है. अमरनाथ गुफा का शिवलिंग दुनिया में बाबा का एकमात्र ऐसा शिवलिंग है, जो चंद्रमा की रोशनी के चक्र के साथ साथ बढ़ता और घटता है. सावन महीने के पूर्णिमा को यह अपने पूरे आकार में रहता है, वहीं अमावस्या तक इसका आकार घटने लगता है.


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