देवघर सदर अस्पताल में नहीं मिला एंबुलेंस तो परिजन ठेले पर लादकर ले गए शव, सिस्टम पर उठे सवाल
मृतक के परिजनों से पूछा गया कि परिस्थिति कैसे पैदा हुई तो इसका कहना था कि मृतक का नाम विशाल धपरा है जो कि बस स्टैंड के समीप रहता था, इसे बीमारी थी और देवघर सदर अस्पताल लाने पर इसे मृत घोषित कर दिया गया.
देवघर: झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर से कटघरे में है. दरअसल, देवघर सदर अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद परिजन उसे ठेले पर लादकर घर ले गए. ठेले पर शव लेकर जाते हुए परिजनों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो के बाद एक बार फिर सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
मृतक के परिजनों से पूछा गया कि परिस्थिति कैसे पैदा हुई तो इसका कहना था कि मृतक का नाम विशाल धपरा है जो कि बस स्टैंड के समीप रहता था, इसे बीमारी थी और देवघर सदर अस्पताल लाने पर इसे मृत घोषित कर दिया गया. जब अस्पताल से शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगा तो नहीं दिया गया, इसलिए मजबूरी में ठेले पर शव को ले जा रहे हैं.
अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस होने का किया दावा
देवघर सदर अस्पताल के अस्पताल उपाधीक्षक प्रभात रंजन ने कहा कि इस मामले की तहकीकात की गई तो बात सामने आई है कि यह व्यक्ति मृत अवस्था में ही देवघर सदर अस्पताल आया था और जब डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया और इसे पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा तो यह सभी वहां से ठेले पर शव को लादकर बिना किसी अनुमति लिए चले गए. अस्पताल उपाधीक्षक प्रभात रंजन ने कहा कि देवघर सदर अस्पताल के पास एंबुलेंस और मोक्ष वाहन दोनों है अगर किसी मरीज के द्वारा जरूरत पड़ने पर इसकी मांग की जाती है तो यह मरीजों को दिया जाता है लेकिन कोई मांग नहीं की गई थी और पोस्टमार्टम नहीं कराने को लेकर यह सभी शव को बिना अनुमति लिए यहां से लेकर चले गए.
इनपुट- विकास राऊत