Anand Mohan Release: बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन आज गुरुवार (27 अप्रैल) की सुबह 4 बजे रिहा कर दिए गया है. जहां एक ओर उनकी रिहाई को भव्य बनाने का तैयारी चल रही है.  वहीं दूसरी ओर इस मामले में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम रहे जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने बड़ा बयान दिया है. बता दें कि आनंद मोहन अभी तक डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे थे. 


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'आनंद मोहन को वापस जेल भेजने की अपील'
गोपालगंज के तत्कालीन डीएम रहे जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा कि 'मैं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहूंगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आनंद मोहन को वापस जेल भेजने की अपील करती हूं. आनंद मोहन की रिहाई पर जनता विरोध कर रही है और इसके बावजूद आनंद मोहन की रिहाई कर दी गई. कानून के तरीके से ही वह जेल में गए थे तो फिर कानून के तरीके से कैसे बाहर हो गए? पॉलिटिकल इश्यू के कारण उन्हें बाहर किया गया है. वहीं उमा देवी ने आगे कहा कि अगर चुनाव में ये खड़े होते हैं तो जनता ऐसे व्यक्ति को कभी वोट न दें. आनंद मोहन की रिहाई से अधिकारियों का मनोबल टूटेगा और ऐसे में किसी भी अधिकारी का काम करने में मन नहीं लगेगा.



'आनंद मोहन का जेल से छूटना हमारे लिए दुखद'
वहीं जी कृष्णैया की बेटी ने आनंद मोहन की रिहाई पर बयान देते हुए कहा कि उनका जेल से छूटना हमारे लिए बहुत दुख की बात है. सरकार को एक बार फिर इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. बेटी ने बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध करते हुए कहा कि वह इस फैसले पर दोबारा विचार करें. इस फैसले से उनकी सरकार ने एक गलत मिसाल कायम की है. यह सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है. हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.'



पासवान ने सरकार को बताया दलित विरोधी 
वहीं चिराग पासवान ने आनंद मोहन की रिहाई के फैसले को दलित विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपने राजनीतिक फायदों के लिए कानून का दुरुपयोग करते रहे हैं, वे अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए अपने हिसाब से कानून को बदल रहे हैं जिसका उदाहरण है आनंद मोहन की रिहाई है. नीतीश कुमार पर हमला करते हुए चिराग कहा कि वे जब किसी को फंसाना चाहते हैं, तो नया कानून बना देते हैं और जब किसी को बचाना चाहें तो कानून में संशोधन कर देते हैं. 


चिराग ने कहा कि नीतीश की सरकार जातीय आधार पर सरकार चला रही है. नीतीश कुमार हमेशा से ही जातीय आधार पर समाज को बांटने का काम करते रहे हैं. वह कभी लव-कुश, कोइरी-कुर्मी और कभी अगड़ा-पिछड़ा वर्ग की राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि डीएम के हत्यारे रहे आनंद मोहन की जेल से रिहाई से स्पष्ट हो गया कि नीतीश कुमार की सरकार दलित विरोधी है. सरकार के इस निर्णय से मारे गए डीएम का परिवार व दलित समाज बेहद दुखी है. 


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