APJ Abdul Kalam Death Anniversary: देश के 11 वें राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज सातवीं पुण्यतिथि है.उनका  बिहार से खास लगाव रहा है. उन्होंने राज्य के विकास के लिए दस सूत्री मंत्र सुझाए थे. जिस पर नीतीश सरकार ने अमल भी किया था. बिहार के लोगों को आज भी उनके 'टेन कमांडमेंट्स' याद है. 


डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा दिए गए 'टेन कमांडमेंट्स'


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उन्होंने राज्य में धान का उत्पादन 5.5 मिलियन टन से बढ़ाकर 15 मिलियन टन और गेहूं का उत्पादन 4 मिलियन टन से बढ़ाकर 12 मिलियन टन तक ले जाने को कहा था. उन्होंने कहा था कि ये राज्य को चार साल में करना है. 


इस दौरान उन्होंने कहा था कि बिहार दूसरी हरित क्रांति की शुरुआत कर सकता है. उन्होंने बिहार को महाराष्ट्र की तरह  सूगर कोआपरेटिव बनाने कहा था. इसके लिए उन्होंने दस चीनी मिलें खोलने को कहा था. 


इसके अलावा उन्होंने अपने सुझाव में कहा था कि राज्य को कोआपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन(काम्फेड) को सभी 38 जिलों में अपनी सक्रियता बढ़ानी चाहिए. इससे 7.5 लाख परिवारों को रोजगार मिल सकता है. 


उन्होंने शिक्षा पर जोर देने को कहा था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि राज्य में साक्षरता दर को तत्कालीन 47.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 2010 तक 75 प्रतिशत और 2015 तक शत प्रतिशत तक ले जाना चाहिये. उन्होंने बिहार में आईआईटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस तथा 10 स्टेट ऑफ आर्ट तकनीकी संस्थान खोले. 


इसके अलावा उन्होंने कहा था कि 2050 तक युवाओं की आबादी करीब 45 मिलियन होगी. ऐसे में युवाओं को दो तरह की ट्रेनिंग दी जाए, जिसमे दो   ग्लोबल कैडर बनाए जाने. जिसमे एक विशेष दक्षता वाले हो और दूसरे में वो हो जो रिसर्च और लीडरशिप का काम देखे.


उन्होंने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को पुन: चालू करना को कहा था.  इसके लिए उन्होंने  500 करोड़ का बजट अंतरराष्ट्रीय पार्टनरशिप में तैयार करने को कहा था. 


उन्होंने  बाढ़ नियंत्रण के लिए सेटेलाइट मैपिंग की बात कही थी. इसके अलावा उन्होंने दक्षिण और उत्तर बिहार की नदियों को जोड़कर 500 किलोमीटर लंबे जलमार्ग बनाने को भी कहा था, ताकि सिंचाई की क्षमता बढ़ सके. 


उन्होंने नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे के मेंटेनेंस के साथ करीब 35 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का बारहमासी सड़क में बदलने को कहा था. 


उन्होंने अपने आठवें सुझाव में सिंगापुर से म्यांमार होते हुए बोधगया तक ग्रैंड एशियन रोड बनवाने को कहा था, ताकि राज्य में पर्यटन बढ़ सके. 


उनका अंतिम सुझाव ईगवर्नेंस तथा प्रशासनिक सुधार प्रक्रिया में तेजी लाने को लेकर था, ताकि राज्य में सामाजिक एवं आर्थिक तरक्की हो सके.