असम राइफल रेजीमेंट के जवान की इलाज के दौरान मौत, पार्थिव शरीर को सेना के जवान ने घर पहुंचाया, दी अंतिम विदाई
सैनिक संतोष बैठा का रविवार को पैतृक गांव कोहरा में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. जहां बिहार रेजीमेंट दानापुर के जवानों ने अपने साथी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया व 5 राउंड फायर कर सलामी देकर अंतिम विदाई दी. सैनिक के पुत्र आयुष कुमार ने मुखाग्नि दी.
छपरा: परसा प्रखंड क्षेत्र के मुजौना पंचायत स्थित कोहरा मठिया गांव के एक सैनिक की एक माह पूर्व से तबीयत खराब होने से उपचार के दौरान नागालैंड के सिकोवि हॉस्पिटल डीमापुर में निधन हो गया. जिसका रविवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
बीडीसी नितिन कुमार ने बताया कि उनके चाचा का ड्यूटी के दौरान एक माह पूर्व पेट में दर्द के बाद अचानक तबीयत खराब होने पर उनको असम राइफल्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. जहां शनिवार को उपचार के दौरान उनका निधन हो गया. सैनिक संतोष बैठा का रविवार को पैतृक गांव कोहरा में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. जहां बिहार रेजीमेंट दानापुर के जवानों ने अपने साथी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया व 5 राउंड फायर कर सलामी देकर अंतिम विदाई दी. सैनिक के पुत्र आयुष कुमार ने मुखाग्नि दी.
परिजनों के अनुसार संतोष बैठा की 25 वर्ष पूर्व किरण देवी के साथ शादी हुई थी,जिनके दो बेटी निशा कुमारी, निभा कुमारी व एक बेटा आयुष कुमार हैं. संतोष बैठा के निधन की सूचना पर पूरे गांव में शोक छा गया. गांव के लोगों ने अपने लाडले को नम आंखों से भारत माता के जय घोष व संतोष बैठा अमर रहे के नारों से अंतिम विदाई दी.
1998 में ज्वाइन की थी असम राइफल
संतोष बैठा का 1998 में विवाह हुआ था और 1998 में ही उन्हें पांच असम राइफल में सैनिक के पद पर पोस्टिंग मिली थी. राइफलमैन संतोष बैठा अपने पीछे माता मरसिया देवी, पिता गौतम बैठा,पत्नी और दो बेटी व एक मासूम बेटे छोड़कर दुनिया को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह गए. संतोष महतो की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है. पत्नी किरण देवी और बेटा व बेटी का रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं अंतिम यात्रा में शामिल होने वाले लोग उन्हें ढांढस बंधाकर साथ देने का भरोसा भी दे रहे हैं.
इनपुट- राकेश
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