पटनाः August Vrat Tyohar: जुलाई खत्म होने वाली है और अगस्त का महीना आने वाला है. अगस्त में एक तरफ तो सावन मास का शुक्ल पक्ष होता है तो दूसरी ओर भाद्रपद यानी कि भादों मास के कृष्ण पक्ष के दिन भी इसमें शामिल होते हैं. सावन-भादों दोनों ही वर्षा ऋतु के दिन हैं. इन्हीं दो महीनों की युगलबंदी में हम नागपंचमी, जन्माष्टमी, तीज, और रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार मनाते हैं. जानिए अगस्त में कब कौन सा त्योहार है और इसका क्या महत्व है. 


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2 अगस्त, मंगलवार, नाग पंचमीः अगस्त का महीना शुरू होते ही ठीक दूसरे दिन 2 अगस्त को नागपंचमी का त्योहार पड़ने वाला है. 2 अगस्त 2022 को सावन मास की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि है. इस दिन भारतीय परंपरा में नागपंचमी मनाई जाती है. नागपंचमी असल में प्रकृति से जुड़ाव का पर्व है. नाग और सर्प किसानों के सहयोगी हैं. इसलिए इन्हें जहरीला समझ कर मार नहीं दिया जाता है, बल्कि इनकी पूजा की जाती है. इस दिन गांवों में द्वार पर गाय के गोबर से नाग की आकृति बनाकर दूध-खीर, लावा और सेवंइयों से नाग पूजा की जाती है. 


11 अगस्त, गुरुवार, रक्षा बंधनः रक्षाबंधन 11 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा. इसे श्रावणी पूर्णिमा भी कहते हैं. भाई-बहन के प्रेम और आत्मीयता का यह पर्व भारतीय सनातन परंपरा की पहचान है. यहां हमारा रिश्ता सिर्फ कहने का ही नहीं है, बल्कि जीवन भर उसे निभाने का है. श्रावणी पर्व के दिन प्राचीन काल में ब्राह्मण, पुरोहित और आचार्य अपने यजमान को रक्षा सूत्र बांधते थे और उनसे धर्म और शास्त्र की रक्षा का वचन लेते थे. गुरुकुलों में इस दिन से विद्या का आरंभ भी हुआ करता था. 


14 अगस्त, रविवार, कजरी तीज: पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि यानी 14 अगस्त 2022 रविवार को कजरी तीज का त्योहार मनाया जाएगी. ये त्योहार सुहागन महिलाओं के लिए प्रमुख माना जाता है. विवाहित महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन की सुख प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. कजरी तीज को कजली तीज या सातूड़ी तीज के नाम से जाना जाता है. यह वह समय होता है जब चारों ओर हरियाली होती है और झूले सज जाते हैं. महिलाएं महादेव शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. 


19 अगस्त, शुक्रवार, जन्माष्टमीः भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्माष्टमी के दिन विधिविधान से श्री कृष्ण की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. इस दिन उनका शृंगार करके उन्हें अष्टगंध चंदन, अक्षत और रोली का तिलक लगाएं. इसके बाद उन्हें माखन मिश्री का भोग अर्पित करें. भगवान के एकादश अक्षरी मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें. इसके बाद हाथ में फूल और चावल लेकर उन्हें चौकी पर रखें और श्री कृष्ण का आह्वान करें. योगीराज और राधारमण श्रीकृष्ण को धूप-दीप दिखाकर नैवेद्य अर्पित करें. 


30 अगस्त, मंगलवार, हरतालिका तीजः भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज व्रत का अनुष्ठान किया जाता है. यह व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. इस व्रत में भी कजरी तीज की तरह भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने हरितालिका तीज व्रत रखा था. पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज व्रत इस साल 30 अगस्त 2022 को रखा जाएगा. इस दिन सुबह साढ़े छह बजे से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा.


31 अगस्त, बुधवार,  गणेश चतुर्थीः भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी कि 31 अगस्त, बुधवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. देशभर में गणेश उत्सव पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है. खासकर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत ही भव्य रूप से मनाया जाता है. बप्पा का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है.  मान्यता है कि गणपति बप्पा को इस दिन अपने घर में लाकर विराजमान करने से वे अपने भक्तों के समस्तम विध्न, बाधाएं दूर करते हैं. इस भव्य उत्सव में बप्पा को लेकर आना, घर में स्थापित करना, फिर डेढ़ दिन, ढाई दिन, सात दिन और 10 दिन तक उन्हें श्रद्धानुसार पूजना फिर विसर्जन करने का प्रक्रम होता है.


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