भागलपुर: बिहार के भागलपुर और खगरिया जिला का गंगा नदी से जोड़ने वाला महत्वकांक्षी गंगा सेतु ब्रिज के धराशाई हो जाने के बाद बिहार के कई गंगा सेतु पुल के निर्माण पर सवाल खड़े होने लगे हैं. उसी क्रम में बाढ़ के बख्तियारपुर ताजपुर गंगा सेतु पुल देश का पहला पीपीपी मॉडल के तहत निर्माण कार्य जारी है 5.5 किलोमीटर लंबा फोरलेन बनने वाला यह सेतु अपने लक्ष्य से भटक गया है. करीब 13 साल गुजर जाने के बावजूद भी अभी भी यह सेतु लक्ष्य से भटका हुआ है का जायजा लेने जी मीडिया पहुंचा आपको उसी का एक नजारा दिखा रहे हैं.


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बख्तियारपुर के करजान गांव से होते हुए समस्तीपुर जिला के ताजपुर को जोड़ने वाला नया गंगा सेतु का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जून 2011 में रखी थी 1600 करोड़ की लागत से बनने वाला इस पुल को वर्ष 2016 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए था. जिसका जिम्मा नव युवा कंपनी को सौंपा गया था लेकिन काम में लापरवाही के चलते अभी तक यह पुल अपना 50% लक्ष्य भी प्राप्त नहीं किया है. करीब 5 साल पहले आंधी तूफान में बख्तियारपुर छोड़ से पाया संख्या 1 के पास पिलर के ऊपर स्लैप सेट करने के दौरान लॉन्चिंग प्लेट गिर जाने के चलते इस पुल निर्माण को भारी क्षति पहुंची थी और करोड़ों का नुकसान हुआ था.


जिसके बाद से या निर्माण कार्य आज तक अधूरा है बीच में पैसे नहीं होने का हवाला देकर काम को रोक दिया था लेकिन मुख्यमंत्री के द्वारा फिर से संज्ञान लिए जाने के बाद 1050 करोड़ों रुपए जारी करते हुए उसी कंपनी को फिर से पुल का जिम्मा सौंपा गया है. सवाल कई हैं देखने से अब यह लगता है कि नवयुवक कंपनी के निर्माण कार्य में लगने वाले सारे मशीन जंग लग चुके हैं साथ ही कई मशीन पूरी तरह से कबाड़ में तब्दील हो गया है.


इनपुट- सुनील कुमार


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