पटना : पूरा देश आज (28 फरवरी) को देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को उनकी पुण्यतिथि पर याद कर रहा है. इस अवसर पर हम आपको उनके बारे में एक दिलचस्प बात बता रहे हैं. राजेंद्र प्रसाद का निधन साल 1963 में हुआ था, लेकिन आज भी पटना के पंजाब नेशनल बैंक में उनका बैंक खाता चल रहा है. उनके निधन के इतने साल बीत जाने के बाद भी यह बैंक खाता चालू है. राजेंद्र प्रसाद ने यह खाता पीएनबी के एक्जिबिशन रोड शाखा में 24 अक्टूबर, 1962 को खोलवाया था और उसके कुछ महीने बाद ही उनका निधन हो गया था.


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बचत खाते को बैंक ने प्रथम ग्राहक का दिया है दर्जा
एक अधिकारी के अनुसार, बैंक ने राजेंद्र प्रसाद के बचत खाते को प्रथम ग्राहक का दर्जा दिया है और यह हमारे लिए गर्व की बात है. कुछ साल पहले उनके बैंक खाते में ब्याज सहित कुल जमा राशि 1,813 रुपए थे और आज तक इस पैसे को किसी ने नहीं निकाला. हर छह महीने पर इस खाते में ब्याज का पैसा जमा कर दिया जाता है. पंजाब नेशनल बैंक की इस शाखा में राजेंद्र प्रसाद का खाता संख्या उनके फोटो के साथ (0380000100030687) सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए लगाया है और खाता संख्या उनके फोटो के नीचे दर्ज है. 


गौरतलब है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर, 1884 को बिहार के सीवान जिले के जीरादेई में हुआ था और उनका निधन 28 फरवरी, 1963 को पटना में हुआ था. 1896 में राजवंशी देवी के साथ उनका विवाह हुआ था और 1952 से 1962 तक वे देश के राष्ट्रपति रहे. 


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राजेंद्र प्रसाद कई भाषाओं के जानकार थे
उनकी प्रारंभिक शिक्षा छपरा में हुई थी और उन्होंने कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लेकर लॉ के क्षेत्र में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की. वे हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, बंगाली और फारसी भाषा अच्छी तरह से जानते थे. 


वकील के रूप में की थी करियर की शुरुआत
एक वकील के रूप में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी और उसके बाद वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे. उसके बाद ही उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई और वे बाद में चलकर देश के प्रथम राष्ट्रपति बने. डॉ. राजेंद्र प्रसाद कांग्रेस पार्टी के भी कई बार अध्यक्ष बने थे.