हरी झंडी से पहले एमवी गंगा विलास की राह में रोड़े, क्या बिहार नहीं पहुंचेगा दुनिया का सबसे बड़ा रिवर क्रूज?
World`s longest river cruise: दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज `एमवी गंगा विलास` 15 जनवरी को बिहार में प्रवेश करने की तैयारी में है. इसके लिए पूरे कार्यक्रम की घोषणा की गई है. वाराणसी में गंगा घाट से पीएम मोदी 13 जनवरी को इस क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
पटना : World's longest river cruise: दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज 'एमवी गंगा विलास' 15 जनवरी को बिहार में प्रवेश करने की तैयारी में है. इसके लिए पूरे कार्यक्रम की घोषणा की गई है. वाराणसी में गंगा घाट से पीएम मोदी 13 जनवरी को इस क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. यहां से निकलकर क्रूज 15 जनवरी को बक्सर के रास्ते बिहार की सीमा में प्रवेश करेगा. लेकिन इससे पहले ही सियासत बिहार की गर्म हो गई है. इस क्रूज को कई नदियों से होकर गुजरने है और 3200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी है.
बता दें कि पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के शुरू होने से पहले ही इसपर सियासत तेज हो गई है, दरअसल इस क्रूज के चलाए जाने का विरोध शुरू हो गया है. बिहार की तरफ से जदयू इसका विरोध कर रही है. बिहार की सत्ता में भाजपा से अलग होकर नए गठबंधन में शामिल होकर सरकार चला रही जदयू इस पूरे प्रोजेक्ट पर सियासत करने में लग गई है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तो इस क्रूज को बिहार में प्रवेश नहीं देने सहित रोकने तक की बात कह चुके हैं. वह चेतावनी दे चुके हैं की क्रूज को बिहार में एंट्री नहीं करने दिया जाएगा. ललन सिंह इसके विरोध की वजह केंद्र सरकार की योजना को बिहार में नहीं चलने देना बता रहे हैं. उनका कहना है केंद्र सरकार इस कार्यक्रम के जरिए पैसे की बर्बादी कर रही है.
जानकारी के लिए बता दें कि 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज 'एमवी गंगा विलास' को वाराणसी से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. इसके बाद यह क्रूज 27 नदियों में भारत और बांग्लादेश के 5 राज्यों से होते हुए 3200 किलोमीटर से अधिक की यात्रा तय करेगा. 13 जनवरी को शुरू हो रहे इस क्रूज का 15 जनवरी को बिहार की सीमा में प्रवेश होगा. यह बिहार के बक्सर से प्रवेश करेगी और फिर पटना, सिमरिया घाट, मंगेर, सुल्तानगंज, भागलपुर, साहिबगंज होते हुए पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश कर जाएगा. यहां पश्चिम बंगाल के फरक्का होते हुए यह बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करेगा.
इसमें स्वीटजरलैंड के पर्यटक शामिल होंगे जो 8 दिनों की यात्रा में बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के बारे में जानकारी लेंगे. इस क्रूज को इसलिए शुरू किया गया है ताकि भारत की कला, संस्कृति, सभ्यता, इतिहास, शिक्षा, अध्यात्म के साथ जैव विविधता से दुनिया अवगत हो सके. इस क्रूज पर यात्रा करनेवालों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है.
ये भी पढ़ें- दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज देख सकेगा बिहार, 15 जनवरी को करेगा सीमा में प्रवेश