पटना :  हेपेटाइटिस बी और सी जैसी बीमारियां एड्स से भी ज्यादा खतरनाक मानी जाती हैं. इन बीमारियों को 'साइलेंट किलर' कहा जाता है क्योंकि ये बिना किसी खास लक्षण के धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं. पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर वीके मोंगा से एचआईवी और एड्स से जुड़ी कुछ खास बातें जानते है.


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एचआईवी से संक्रमित लोगों को होती है ये विशेष बीमारी
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर वीके मोंगा के अनुसार एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) से संक्रमित लोगों को कुछ विशेष प्रकार के कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है. इनमें कापोसी सारकोमा और लिम्फ़ोमा जैसे कैंसर शामिल हैं. इसके अलावा एचआईवी से पीड़ित महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल कैंसर) का खतरा भी बढ़ जाता है. एचआईवी से तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स. इसके अलावा, एचआईवी से जुड़े कुछ संक्रमण भी होते हैं, जैसे कैंडिडिआसिस आदि. इस संक्रमण की वजह से मुंह, जीभ, ग्रासनली (इसोफेगस) या योनि पर सफेद परत जमा हो सकती है, जो एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है.


एचआईवी संक्रमण के कुछ आम लक्षणों में शामिल हैं:
गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियां
लगातार बुखार
लगातार दस्त (अतिसार)
हफ्तों तक खांसी
बिना किसी वजह के वजन कम होना
मुंह में घाव
त्वचा पर दर्द भरे और खुजली वाले ददोरे


एचआईवी के क्या है मुख्य कारण
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर वीके मोंगा के अनुसार इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि समय पर इलाज न होने पर ये समस्याएं गंभीर हो सकती हैं. एचआईवी से बचाव के लिए जागरूकता और सावधानी बहुत जरूरी है. एचआईवी का मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून का संपर्क, संक्रमित सुई का उपयोग और संक्रमित मां से बच्चे को जन्म के दौरान संक्रमण हो सकता है. इसलिए, इन बातों का ध्यान रखना चाहिए और सुरक्षित जीवनशैली अपनानी चाहिए.


एचआईवी से खुद को कैसे रखें सुरक्षित
साथ ही संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाना, सुई और अन्य तेज़ औजारों का साफ-सफाई से उपयोग करना और अगर आप किसी जोखिम भरी स्थिति में हैं तो एचआईवी टेस्ट कराना बहुत महत्वपूर्ण है. शुरुआती पहचान और इलाज से एचआईवी संक्रमित व्यक्ति भी एक स्वस्थ और लंबा जीवन जी सकते हैं. इसलिए जानकारी रखें, सावधानी बरतें और खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें.


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