Old Pension scheme: पुरानी पेंशन योजना पर विरोध का ये है बड़ा कारण, जानकर रह जाएंगे हैरान
केंद्र के सरकारी विभाग में काम करने वाले कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे है. कर्मचारियों का तरफ से यह सिलसिला पिछले कई दिनों से चल रहा है.
पटना: Old Pension scheme: केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना को साल 2004 साल में शुरू किया था. इसी दौरान केंद्र ने पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था. साथ ही बता दें कि साल 2004 के बाद केंद्र के सरकारी विभाग में जो भी नौकरी के लिए भर्ती होता है तो उसके नई पेंशन योजना के तहत सुविधा दी जाती है, इन लोगों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलता है. नई योजना के मुकाबले पुरानी योजना में लोगों को काफी लाभ मिलता था, इसलिए लोग नई योजना का विरोध कर पुरानी पेंशन योजना को लागू कराने की मांग कर रहे हैं.
पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे लोग
केंद्र के सरकारी विभाग में काम करने वाले कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे है. कर्मचारियों का तरफ से यह सिलसिला पिछले कई दिनों से चल रहा है. साथ ही बता दें कि महाराष्ट्र और हरियाणा के सरकारी विभाग में कई कर्मचारी इस मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. इसके अलावा बिहार और झारखंड समेत अन्य गैर-बीजेपी शासित राज्य पहले ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का ऐलान कर चुके हैं.
तेजस्वी ने पुरानी पेंशन लागू करने का किया था वादा
बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की गठबंधन वाली सरकार जब बनी थी, तो चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने चुनावी रैली के दौरान कहा था कि जब हम सरकार में आएंगे और हमारी गठबंधन की सरकार बनेगी, तो पुरानी पेंशन योजना को बिहार लागी कराया जाएगा. अब तेजस्वी उप मुख्यमंत्री बन गए है, लेकिन अभी तक पुरानी पेंशन को लेकर उनका कोई बयान नहीं आया है. केंद्र कर्मचारी संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि एक बार तेजस्वी को उनके द्वारा किए गए वादे को याद कराया जाएगा.
योजना बहाल करने के मूड में नहीं है सरकार
केंद्र सरकार का कोई मूड नहीं है कि वो पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करें. इस बात को लेकर सरकार कोई राय तक नहीं बना रही है. इसके अलावा सरकार ने नई पेंशन योजना में एनपीएस फंड लौटाने से भी मना कर दिया है. साथ ही बता दें कि जिन राज्यों के अंदर पुरानी पेंशन योजना बहाल है, उस सरकार से नई पेंशन योजना के तहत अब तक जमा पैसे की मांग कर रहे हैं. इधर, केंद्र सरकार कह रही है कि वापसी के लिए पीएफआरडीए के अधिनियम में इसका कोई प्रावधान नहीं है.