Patna: LJP में चल रही खींचतान को लेकर इस समय बिहार का राजनीतिक प्रेमी बात करना चाहता है. रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन के बाद से ही इस बात के कयास लगाया जा रहे थे कि LJP में जल्द ही कोई आंतरिक कलह शुरू होने वाली है. बिहार विधानसभा चुनाव से ही चाचा और भतीजा में अनबन शुरू हो गई थी. इसके अलावा चिराग (Chirag Paswan) ​द्वारा भावुकता लिए गए फैसले भी पार्टी की आंतरिक कलह का कारण बने हैं. 


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एक तरफ जहां पशुपति पारस अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने में लगे हुए हैं, वहीं एक्टर से नेता बने चिराग की अनुभवहीनता ने उन्हें अपनों के बीच ही दुश्मन बना दिया. विधानसभा चुनाव के वक्त उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो अपने पिता के फोटो के पास एक्टिंग कर रहे थे. पिता के निधन के बाद ही पार्टी पर अपना अधिपत्य स्थापित नहीं कर सके, जिस तरह से लालू यादव के जेल जाने के बाद भी तेजस्वी यादव ने अपनी सुझबुझ से पार्टी में जगह बनाई थी. 


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विधानसभा चुनाव के दौरान ही उन्होंने अकेले ही सारे फैसले लिए थे, जिस वजह से उनके अपने ही उनके खिलाफ हो गए. इसके अलावा NDA से अलग होकर JDU के खिलाफ लड़ना भी पार्टी में फूट का एक कारण बना है क्योंकि उनके चाचा पशुपति पारस सीएम नीतीश के काफी करीबी माने जाते रहे हैं. ये भी कयास लगाया जा रहा है कि जेडीयू भी इस लोजपा टूट खेल में अहम भूमिका निभा रही है क्योंकि जब पार्टी के पांच सांसद ललन सिंह से मिलने गए थे, तो इस बात को जोर मिला था. 


बहरहाल सबकी नजरे कार्यकारणी समीति की बैठक पर टिकी हुई हैं. इस दौरान ही चिराग पासवान के भविष्य पर फैसला किया जाएगा. वहीं, सूत्रों की माने तो RJD भी पारस गुट के दो सांसदो से संपर्क में हैं. ऐसे में साफ है कि चिराग और चाचा पारस की लड़ाई ने पार्टी को दो हिस्सों में खड़ा कर दिया है.