Bihar Communal Violence: बिहार में रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इमेज को तगड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है. इसको लेकर अब उन्होंने डैमेद कंट्रोल शुरू कर दिया है. प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए हाई लेवल मीटिंग की. बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तमाम जरूरी दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से साफ कहा कि उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें. उन्होंने अब किसी भी परिस्थिति में गड़बड़ी न हो पाने का निर्देश दिया है.


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सीएम ने इसे बड़ी साजिश बताया


इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश ने इस तरह की घटनाओं को अपनी सरकार के खिलाफ इसे बड़ी साजिश बताया. उन्होंने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर सब कुछ ठीक है. लोग सिर्फ बदनाम करते हैं. उन्होंने साफ कहा कि झगड़ा करवाया गया है. जगह जगह हिंसा की खबरों से मुख्यमंत्री काफी तमतमाए नजर आ रहे हैं. उनका यह व्यवहार लाजिमी भी है क्योंकि सुशासनबाबू की उनकी इमेज को इससे काफी झटका लगा है. 


सुशासन बाबू की इमेज को झटका


वहीं इस घटना से यदि वोटों का ध्रुवीकरण होगा तो उसका फायदा भी बीजेपी और जदयू को मिलेगा. बीजेपी ने इसे मुद्दा भी बना दिया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसके लिए महागठबंधन सरकार को दोषी ठहराया. रविवार को नवादा जिले के हिसुवा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिर से सत्ता में लाएं और विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार बनाने में मदद करें. सारे दंगाइयों को उल्टा लटका दिया जाएगा.


मुस्लिम वोटबैंक पर राजद की नजर


शाह ने इस दौरान लोकसभा चुनाव के बाद बिहार की महागठबंधन सरकार के गिरने का दावा किया. उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार को सहयोगी के रूप में कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा. उधर राजद नेता भी अपनी राजनीति चमकाने में लग गए हैं. विधायक मोहम्मद नेहालुद्दीन ने इस मुद्दे पर एक बड़ा ही बेतुका बयान दिया है. उन्होंने सासाराम में बन बना रहे मुसलमानों का बचाव किया. उन्होंने कहा कि जान बचाने के लिए मुस्लिम बच्चों को ये करना पड़ा है. वे अपनी सुरक्षा में बन बना रहे थे.


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