Bihar Violence: बिहार में हिंसा पर 8 ऐसे बयान, जिनसे एनडीए और महागठबंधन के नेताओं में बढ़ा टकराव
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Bihar Violence: बिहार में हिंसा पर 8 ऐसे बयान, जिनसे एनडीए और महागठबंधन के नेताओं में बढ़ा टकराव

बिहार में भड़की हिंसा को लेकर राजनीतिक तूफान चरम पर है. बता दें कि रामनवमी की शोभा यात्रा के बाद एक साथ बिहार के 5 जिलों में हिंसा भड़क गई. इसमें बिहारशरीफ, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, भागलपुर, गया, नवादा जिले प्रभावित हैं. इनमें से सासाराम में आज भी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है.

(फाइल फोटो)

Bihar Communal Violence: बिहार में भड़की हिंसा को लेकर राजनीतिक तूफान चरम पर है. बता दें कि रामनवमी की शोभा यात्रा के बाद एक साथ बिहार के 5 जिलों में हिंसा भड़क गई. इसमें बिहारशरीफ, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, भागलपुर, गया, नवादा जिले प्रभावित हैं. इनमें से सासाराम में आज भी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है. जबकि नवादा में भी हालात तनावपूर्ण बना हुआ है. ऐसे में बिहार में सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, बीजेपी विधायकों ने पोस्टर लेकर हिंसा के खिलाफ नारेबाजी कर आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी. इसके बाद स्पीकर ने मार्शल को आदेश दिया कि वे सभी के पोस्टर वापस ले लें. 

विधानसभा में इसके बाद नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मोर्चा संभाला. विजय कुमार सिन्हा ने कहा, रामनवमी पर हिंसा केवल सासाराम और बिहारशरीफ में ही नहीं हुई, बल्कि मुज़फ्फरपुर और भागलपुर में भी इस तरह की खबरें आने से राज्य का माहौल चिंताजनक हो गया है. विजय सिन्हा ने सरकार से पूछा, हर त्योहार से पहले थानों में शांति समिति की बैठक होती है. फिर भी कैसे इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हो गई. उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू समुदाय के लोग सभी धर्मों के पर्वों का सम्मान करते हैं फिर भी उन पर क्यों पत्थर बरसाए गए. 

वहीं इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में सद्भाव बिगाड़ने की संघी कोशिश पर बिहार सरकार की पैनी नज़र है. जिन राज्यों में BJP कमजोर है वहां बौखलाई हुई है. एक-एक उपद्रवी को चिन्हित कर कठोरतम कारवाई की जा रही है. भाईचारे को तोड़ने के किसी भी भाजपाई  'प्रयोग' का हमने हमेशा माकूल जवाब दिया है और देते रहेंगे. 

इससे पहले नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले पर मीडिया के सामने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि प्रदेश में इस तरह की घटना बड़े दुख की बात है.उन्होंने कहा कि जैसे ही इस घटना के बारे में पता चला हमने अलर्ट होकर तेजी से काम किया. उन्होंने कहा कि किसी ने तो खचपच किया, गड़बड़ी फैलाई है, पहले ऐसी घटना कहां होती थी. किसी ने यह जानबूझकर किया है, इसके लिए जांच करने को कहा है इसके बाद बताएंगे. उपद्रव फैलाने वाले को बख्शा नहीं जाएगा. 

हालांकि इस घटना को लेकर नीतीश कुमार पर जमकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने निशाना साधा और साफ कहा कि पहले बिहार के सीएम पलटूराम थे अब उनके अधिकारी भी पलटूराम हो गए हैं. उन्होंने कहा कि नवादा में धारा 144 लागू करने का आदेश दे दिया गया और सुबह जिलाधिकारी कह रहे हैं कि ऐसा आदेश नहीं दिया ना हीं यहां 144 लागू है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के गृह जिले में इस तरह से हिंदूओं के खिलाफ साजिश रची जा रही है. ऐसे में सीएम नीतीश को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हिंदू नालंदा छोड़ दें. केवल वोट लेने के लिए नीतीश को हिंदू याद आते हैं. 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस पूरे घटनाक्रम पर जमकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बिहार में विधी-व्यवस्था बिल्कुल चौपट हो गई है. लगातार अपराध की घटनाओं के ग्राफ बढञते जा रहे हैं. यहां तो सरकार के द्वारा ही अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है. 

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वहीं नवादा में अपनी रैली के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पूरी घटना पर कहा कि बिहार में हो रही हिंसा को काबू करने में राज्य सरकार असमर्थ है. क्योंकि जिस सरकार में जंगलराज के प्रणेता लालू जी की पार्टी शामिल हो, क्या वो सरकार राज्य में शांति ला सकती है? उन्होंने मंच से साफ कहा कि 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनाइये...हम इन दंगा करने वालों को उल्टा लटकाकर सीधा कर देंगे. 

अमित शाह के बयान पर राजद नेता और प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि शाह को केवल बिहार के 40 लोकसभा सीटों की चिंता है. उन्होंने कहा कि ED और CBI से अब अमित शाह का मन भर गया तो अब केंद्रीय सुरक्षाबलों को भी बिहार भेजने की बात कर रहे हैं.  उन्होंने आगे कह दिया कि नीतीश और तेजस्वी के नेतृत्व में बिहार में कानून का राज है.

वहीं अमित शाह के बयान पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित तिवरी ने कहा कि बिहार पर अमित शाह एटम बम गिरवा दें. उन्होंने कहा कि अमित शाह की बेचैनी की वजह यह है कि उनकी पार्टी को बिहार की जनता वोट नहीं कर रही है. 

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