सहरसा: बिहार के सहरसा में मद्य निषेध विभाग एग्जाम में कदाचार के आरोप में कई छात्रों को हिरासत में लिया गया है. इस एग्जाम के लिए कुल 7 केंद्र बनाए गए थे, जिसमें कुल 3 हजार 78 छात्र-छात्राएं शामिल थे. इसी कड़ी में मद्य निषेध सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्र से एक फर्जी दरोगा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.


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परीक्षार्थियों का कर रहा था सहयोग


फर्जी दरोगा को पुलिस की वर्दी और बैच में परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों को सहयोग कर रहा था.  पकड़े गए फर्जी दरोगा का नाम कैलाश कुमार बताया जा रहा है. वो सुपौल जिले के पिपरा थाना क्षेत्र के सखुआ गांव का रहने वाला है. पुलिस के पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी फर्जी दरोगा परीक्षार्थियों को सहयोग करने के लिए नकली पुलिस की वर्दी पहनकर परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी करने आया हुआ था. 


गौरतलब है कि मद्य निषेध सिपाही भर्ती परीक्षा में शहर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों से कुल 19 मुन्ना भाई परीक्षार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और मोबाइल सिम के साथ गिरफ्तार किया गया था पकड़े गए परीक्षार्थियों से कुल 16 ब्लूटूथ डिवाइस, तीन मोबाइल फोन और नकली दरोगा के पास से एक बिना नंबर की बाइक,  पुलिस की वर्दी एवं नकली प्रमाण पत्र बरामद किया गया है. पूछताछ के बाद सभी को न्याययिक हिरासत में भेज दिया गया है.


इस मामले को लेकर जिलाधिकारी आनन्द शर्मा ने कहा था कि इस मामले को लेकर जांच चल रही है. इस दौरान सबसे बड़ा ये उठता है कि ब्लूटूथ डिवाइस कैसे परीक्षा केंद्र के अंदर छात्र और छात्राएं लेकर प्रवेश कर गए और केंद्र पर जांच अधिकारी क्या कर रहे थे.