Patna: कोरोना (Corona)  की वजह पिछले एक साल से बच्चे ऑनलाइन पढाई कर रहे हैं. लेकिन ऑनलाइन स्टडी के इस दौर में बच्चों में राइटिंग स्किल और पढ़ने की  क्षमता कम होती जा रही है. इसके साथ ही किताबों के जरिए पढ़ाई नहीं होने की वजह से बच्चों की याद करने की क्षमता पर भी असर पड़ा है. 


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ऑनलाइन क्लास से पढ़ने की क्षमता पर असर
ऑनलाइन स्टडी (Online study) के इस दौर में बच्चों की पढ़ाई पूरी तरीके से वर्चुअल मोड पर आधारित हो चुकी है, लेकिन इन सबके बीच बच्चे अपनी लिखावट और पढ़ने की आदत से दूर होने लगे हैं. लिहाजा पढ़ाई में आए इस बदलाव की वजह से बच्चों की लेखनी और उनकी रिडींग स्किल पर बेहद बुरा असर देखने को मिल रहा है. बच्चों का भी मानना है कि लिखने की आदत छूट जाने से उन्हें परेशानी होने लगी थी, लेकिन बच्चे अब ऑनलाइन क्लासेज में ही ज्यादा कंफर्टेबल फील करने लगे हैं. हालांकि बच्चों के पेरेंट्स का मानना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के फायदे के साथ-साथ अपने नुकसान भी हैं.


टीचर दे रही हैं राइटिंग और रीडिंग टास्क
इस मामले पर टीचर का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज की वजह से बच्चों में लिखने की प्रवृत्ति कम होती जा रही है. पहले बच्चों को राइटिंग के लिए भी मार्क्स मिलते थे, जिससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा बढ़ती थी. लेकिन ऑनलाइन क्लासेज की वजह से बच्चे लिखन से भागने लगे हैं. वो अब बुक्स पढ़ने से भी दूर होते जा रहे हैं. इस वजह से अब स्कूलों ने ऑनलाइन ही बच्चों को लिखने के लिए टास्क देना शुरू कर दिया है. 


गलत साइट्स को सर्च कर रहे हैं बच्चे
वहीं, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शमाइल अहमद का भी मामना है कि ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से बच्चे बाकी एक्टीविटी से दूर होने लगे हैं. उनकी लिखावट खराब होने लगी है और किताबों से बच्चों का मोह भंग होने लगा है. इसके अलावा बड़े बच्चे गलत साइट्स को सर्च करने लगे हैं,  जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. 


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डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं बच्चे
पटना की जानी मानी मनोचिकित्सक डॉ बिंदा सिंह ने कहा कि डेढ़ साल से ज्यादा का समय हो चुका है, जहां बच्चे स्कूल से दूर हो चुके हैं. इस दौरान वो ऑनलाइन पढाई कर रहे हैं. जिससे बच्चों की लिखने और पढ़ने की क्षमता कम हो रही है. इस वजह से अब बच्चों में चिडचिडापन देखा जा रहा है. इसके अलावा उनमे डिप्रेशन के भी लक्ष्ण देखें जा रहे हैं. 


स्टेशनरी कारोबार पर बुरा असर
ऑनलाइन क्लासेज के इस दौर में सबसे ज्यादा नुकसान स्टेशनरी कारोबार करने वाले कारोबारियों को झेलना पड़ रहा है. पिछले डेढ़ साल में सेल में 90 फीसदी की गिरावट ने दुकानदारों की कमर तोड़ दी है. दुकानदारों का कहना है कि घाटा में वो कारोबार कर रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही हालात बेहतर होंगे.


 



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