Patna: बिहार सरकार कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी में स्वास्थ्य सुविधाओं को ठीक करने के लिए डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स की संकट से जूझ रही है. इस संकट से उभरने के लिए नीतीश सरकार डॉक्टर से लेकर नर्स तक कि ऑन स्पॉट नौकरी दे रही है. 


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अब इस मौके का फायदा उठाने के लिए फर्जीवाड़ा गिरोह इसमें शामिल हो गया है. स्थाई नौकरी के लिए फर्जी विज्ञापन (Fake Advertisement ) निकाला गया है. फर्जी विज्ञापन के जरिये मोटी राशि वसूलने की कवायद तेज हो गई है.


दरअसल, कोरोना संकट के बीच डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी देखी जा रही है. सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. सरकार की इन कोशिशों पर ठगी गिरोह की भी बुरी नजर लगी है.


फर्जी गिरोह ने जिला स्वास्थ्य समिति के नाम पर स्वास्थ्य विभाग में बहाली के लिए फर्जी विज्ञापन निकाल डाला है. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस फर्जी विज्ञापन में अभ्यर्थियों से इंटरव्यू में 2400 रुपये मांगे जा रहे हैं.


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फर्जी विज्ञापन के सहारे स्वास्थ्य विभाग में लगभग 2 हजार पदों पर बहाली दिखाई गई है.  MBBS डॉक्टर से लेकर ग्रुप D तक के लिए निकाले गए इस फर्जी विज्ञापन में 26 मई को 11 बजे गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज कदमकुआं में इंटरव्यू होने की जानकारी दी गई है.


चिकित्सा पदाधिकारी से लेकर, आयुष चिकित्सक तक के लिए इंटरव्यू होने की जानकारी इस फर्जी विज्ञापन में दी गई है. विज्ञापन के सबसे निचले हिस्से में सामान्य शर्ते बताये गए हैं.
शर्तों में इंटरव्यू में आने वाले अभ्यर्थियों से 2400 रुपये लेने की बात कही गई है. ये फर्जी विज्ञापन जिला स्वास्थ्य समिति के नाम से निकाला गया है और इसे स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी कौशल


किशोर के फर्जी हस्ताक्षर से जारी किया गया है. फर्जी विज्ञापन में कौशल किशोर को जिला स्वास्थ्य समिति का अपर सचिव बताया गया है. इधर, इस विज्ञापन के बारे में स्वास्थ्य विभाग से बात करने पर पर पता चला है कि यह विज्ञापन फर्जी है.


इस फर्जी विज्ञापन की खास बात ये है कि ये किसी वेबसाइट या पत्र-पत्रिका में नहीं है बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वाट्सऐप के जरिये तेजी से वायरल किये जा रहे इस फर्जी विज्ञापन को खासतौर से वैसे लोगों के पास भेजा जा रहा है जिनके पास स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़ी डिग्रियां हैं.