पटना : बिहार के बिहटा थाना इलाके से आठ साल पहले राजीव रंजन सिंह अपहरण मामले में कार्तिकेय कुमार का नाम सामने आया है. इस मामले में कोर्ट ने पहले भी उन्हें तलब किया था, लेकिन कोर्ट के आदेश को कार्तिकेय ने नजर अंदाज किया. बिल्डर राजीव रंजन सिंह अपहरण मामले में कोर्ट में आज फिर सुनवाई होनी है, अगर कार्तिकेय कोर्ट में होने वाली सुनवाई में शामिल नहीं हुए तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है.


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अपहरण मामले में कार्तिकेय है शामिल
अपहरण का मामला बहुत पुराना है. इस मामले में केस दर्ज होने के करीब 9 महीने बाद गिरफ्तार राजू ने 164 के बयान में कहा था कि पूर्व मंत्री कार्तिकेय कुमार का भी अपहरण मामले में हाथ है और वे इस मामले में शामिल थे. कानून की नजरों से देखा जाए तो 164 का बयान अहम होता है. कानून के मुताबिक माना जा रहा है कि आज कार्तिकेय कुमार को कोर्ट कोई राहत देगी, इसकी बेहद कम उम्मीद है. अगर कार्तिकेय कोर्ट में शामिल नहीं हुए तो उनकी मुश्किले बढ़ सकती है.


कार्तिकेय के इस्तीफे का क्या था कारण
बता दें कि कार्तिकेय कुमार को जब बिहार के कानून मंत्री बनाया गया था तो पहले दिन से ही उनकी फजीहत शुरू हो गई थी. एक-एक कर उनके सामने कई परेशानी उभर कर निकली. यहीं कारण था कि मजबूरन कार्तिकेय को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद से ही उनके खिलाफ जारी बेलेबल वारंट को निष्पादन कराने के लिए पुलिस उन्हें तलाशती रही, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल पाया है. बाद में बेलेबल वारंट को पुलिस ने दानापुर कोर्ट को वापस करने के साथ ही नन बेलेबल वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में आवेदन दे दिया.


इस कार्ट में ट्रांसफर हो सकता है कार्तिकेय का केस
बता दें कि आज 14 सितंबर को बिहटा थाना के इसी केस यानी कांड सं. 859/14 में दानापुर कोर्ट में तारीख है. कोर्ट कार्तिकेय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है. इसके बाद उनकी गिरफ्तारी भी तय मानी जा रही है. हालांकि बाद में उनका केस एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर हो सकता है.


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