पटना : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूरे देश में लाभुकों को घर बनाने के लिए एक निश्चित रकम दी जाती है. इसके तहत प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लोगों को अलग-अलग दायरे में पैसा आवास बनाने के लिए दिया जाता है. वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास योजना के 2.21 लाख लाभुकों को रेड-व्हाइट नोटिस जारी किया गया है. 


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इस नोटिस को जारी करने के पीछे की वजह यह है कि इन 2 लाख से ज्यादा PMAY के लाभार्थियों ने माकन बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए की रकम हर आवास के लिए सरकार से ली तो जरूर लेकिन आवास का निर्माण नहीं कराया. इसको लेकर ग्राम विकास विभाग की तरफ से इन सारे लाभार्थियों के खाते में 1.20 लाख रुपए प्रति लाभार्थी के तौर पर पूरी रकम डाल दी गई थी. ऐसे में अब जिन लाभार्थियों ने पैसे लेकर भी मकान का निर्माण नहीं कराया उसे बिहार सरकार की तरफ से नोटिस जारी किया गया है. 


इसके साथ ही ग्राम विकास विभाग ने ऐसे 347 कर्मचारियों जिनमें से 309 आवास सहायक और 38 आवास पर्यवेक्षक शामिल हैं के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू की है जिन्होंने मकान की राशि तो जमा करवा दी लेकिन यह सुनिश्चित नहीं किया कि लाभार्थियों ने उस पैसे से मकान का निर्माण कराया या नहीं. इस तरह विभाग ने 94 हजार से ज्यादा लाभार्थियों के खिलाफ रेड और 1 लाख 27 हजार से ज्यादा लाभार्थियों के खिलाफ व्हाइट नोटिस जारी किया है.


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इनमें से रेड नोटिस का मतलब सीधा है कि विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. जबकि व्हाइट नोटिस का मतलब साफ है कि उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि वह अपने घर का निर्माण यथाशीघ्र करवा लें. इस मामले को लेकर बिहार सरकार के ग्राम विकास मंत्री श्रवण कुमार ने जानकारी दी और कहा कि विभाग की तरफ से 2,21,490 लोगों के खिलाफ इस तरह के नोटिस जारी किए गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से 347 अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है. 


इस सबमें सबसे अधिक गया जिले के लोगों को नोटिस भेजा गया है. इसके बाद पूर्वी चंपारण, मधुबनी, बेगूसराय, नवादा, अररिया और मधेपुरा का नंबर आता है.