Patna: बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में 12 जून, 2024 दिन बुधवार को राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को केंद्र में रखकर अपने-अपने विश्वविद्यालय के लिए एकेडमिक रोडमैप तैयार कर काम करने के निर्देश दिए.


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उन्होंने कुलपतियों को अपने विश्वविद्यालय को सही मायने में 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' बनाने के लिए प्रयत्न करने की बात कही. राज्यपाल ने कहा कि समाज के उन्नयन के लिए शिक्षा केंद्र के रूप में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है. इसे ध्यान में रखते हुए कई राज्यों के विश्वविद्यालय को स्वायत्त बनाया गया है.


राज्यपाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के कई न्यायादेशों में भी विश्वविद्यालयों को स्वायत्त मानते हुए कहा गया है कि शिक्षा विभाग का दायित्व उन्हें समुचित निधि उपलब्ध कराना है. उन्होंने विश्वविद्यालयों में एकेडमिक और रिसर्च के लिए डीन की भी आवश्यकता बताई. राज्यपाल ने बिहार के शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि जुलाई महीने में राजभवन में सभी कुलपतियों का दो दिवसीय नेतृत्व विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.


बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षा विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि कुलपति विद्यार्थियों को केंद्र में रखकर कार्य योजना बनाकर कार्य करें. उन्हें प्रयास करना चाहिए कि हमारी भावी पीढ़ी का भविष्य बेहतर हो और हमारा राज्य शिक्षा के क्षेत्र में पुरानी प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त कर सके. समर्पण और अनुशासन के साथ डिलीवरी सिस्टम ठीक हो तो लक्ष्य प्राप्त करना संभव है.


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बैठक में कुलपतियों ने आधारभूत संरचना को मजबूत करने, आंतरिक अंकेक्षण की व्यवस्था, कर्मियों की नियुक्ति, वेतन और पेंशन का भुगतान, अतिथि शिक्षकों के मानदेय का भुगतान, आईटी सेल के गठन से संबंधित बातें कही.


इनपुट: आईएएनएस