जांच एजेंसी ने IAS संजीव को लेकर किया बड़ा खुलासा, कहा- दिल्ली में 9.60 करोड़ का फ्लैट और कुल आमदनी 5.47 करोड़ रुपये
IAS Sanjeev Hans: संजीव हंस 1997 बैच के IAS अधिकारी हैं. 1997 से 2023 तक उन्हें सैलरी के रूप में करीब 3.5 करोड़ रुपये मिले हैं. इसके अलावा उन्होंने 60 लाख रुपये का हाउसिंग लोन और 17 लाख रुपये का कार लोन भी लिया है. उनकी पत्नी हरलोविलिन कौर उर्फ मोना ने एक व्यावसायिक प्लॉट पर 1.20 करोड़ रुपये का लोन लिया है.
पटना: बिहार के IAS अधिकारी संजीव हंस की आमदनी और संपत्ति को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. उनकी कुल आमदनी 5 करोड़ 47 लाख रुपये है, जिसमें से अधिकांश हिस्सा सैलरी और लोन से आया है. लेकिन उनके खर्च और संपत्तियां उनकी आमदनी से कहीं ज्यादा हैं. विशेष रूप से संजीव ने दिल्ली के आनंद निकेतन में 9 करोड़ 60 लाख रुपये का फ्लैट खरीदा है. यह जानकारी स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) द्वारा दर्ज किए गए केस के आधार पर सामने आई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार SVU ने संजीव हंस उनकी पत्नी मोना, साले, पिता और पूर्व विधायक गुलाब यादव व उनकी पत्नी अंबिका समेत 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. एजेंसी सभी आरोपियों को नोटिस भेजकर बुला सकती है और उनसे पूछताछ करेगी. बता दें कि संजीव हंस 1997 बैच के IAS अधिकारी हैं. 1997 से 2023 तक उनकी सैलरी लगभग 3.5 करोड़ रुपये की रही है. उन्होंने 60 लाख रुपये का हाउसिंग लोन और 17 लाख का कार लोन लिया है. उनकी पत्नी मोना ने भी एक व्यवसायिक प्लॉट पर 1.20 करोड़ रुपये का लोन लिया है.
इसके अलावा गुलाब यादव और संजीव हंस की पत्नी मोना के बीच पुराने पारिवारिक संबंध हैं. केस के अनुसार, मोना और गुलाब यादव ने मिलकर पुणे में मेसर्स प्रोग्रोथ इंटरप्राइजेज नाम की एक कंपनी बनाई है, जिसके नाम पर पुणे में एक सीएनजी पंप है. यह सीएनजी पंप गुलाब यादव की पत्नी अंबिका यादव की जमीन पर बना है. संजीव हंस की संपत्तियों में दिल्ली के द्वारका में एक फ्लैट भी शामिल है. उन्होंने 2023 में अपनी संपत्तियों की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने 6.27 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और 32 लाख 50 हजार रुपये के म्यूचुअल फंड का भी जिक्र किया है. साथ ही उनके पिता और साले के नाम पर हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक-एक विला भी है.
साथ ही यह मामला SVU की जांच के बाद उजागर हुआ है और एजेंसी इस पर आगे की कार्रवाई कर सकती है. संजीव हंस की संपत्तियों और आमदनी के बीच बड़े अंतर को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं और जांच एजेंसी सभी आरोपियों से पूछताछ कर सकती है.
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